यूपी की राजधानी लखनऊ के हाई सिक्युरिटी जोन में मौजूद सचिवालय के पांचवे तल पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सरकारी ऑफिस है. यहां सुरक्षा के इंतजाम इस कदर कड़े हैं कि खास लोगों को भी मुख्यमंत्री ऑफिस पहुंचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है. लेकिन सुरक्षा के ये सारे इंतजाम चूहों की फौज के आगे धरे के धरे रह गए हैं.
पिछले एक महीने से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का यह ऑफिस चूहों के उत्पात से परेशान है. इसकी देखरेख करने वाले एक राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारी बताते हैं कि चूहों ने पंचम तल (आम बोलचाल में सीएम ऑफिस का नाम) में कई जगह बिजली के तारों को काटा है. इसी ऑफिस में मौजूद मीटिंग हॉल में मौजूद कई कुर्सियां चूहों के नुकीले दातों की शिकार बनी हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय में चूहों की फौज के मौजूद होने का पता तब चला जब पिछले हफ्ते कार्यालय में अचानक फैली दुर्गन्ध से हुई सफाई में फॉल्स सीलिंग के भीतर बड़ी संख्या में चूहे दिखे और दो चूहे हुए भी मिले. अधिकारी का कहना है कि सीएम ऑफिस में रखीं फाइलों तो चूहों का शिकार नहीं बनीं हैं, इसकी जांच करना अभी बाकी है?
हालांकि अचानक चूहों के हमले से सकते में आए अधिकारियों ने इससे निपटने का एक्शन प्लान बनाया है. इसके लिए 2 सितंबर को बकायदा एक शासनादेश भी जारी किया गया है. इसके अनुसार लोकनिर्माण विभाग उस संस्था का चयन करेगा जो चूहों के सफाए का जिम्मा संभालेगी. इस संस्था के जो कर्मचारी चूहा सफाई अभियान में लगेंगे उनका सत्यापन उसी तर्ज पर किया जाएगा, जिस तर्ज पर पासपोर्ट के आवेदकों का होता है, ताकि सीएम ऑफिस की सुरक्षा में कोई चूक न हो.
फोटो सहित इन कर्मचारियों के पास बनेंगे और तीन महीने से पहले कोई कर्मचारी बदला नहीं जाएगा. संस्था को छह महीने में चूहों का सफाया करना होगा. इसके लिए हर महीने संस्था को 30,800 रुपये दिए जाएंगे. चूहा सफाई अभियान के दौरान संस्था की यह खास जिम्मेदारी होगी कि चूहे किसी फाइल को नुकसान न पहुंचा पाएं. अगर ऐसा होता है तो संस्था पर कार्रवाई की जाएगी.