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अगर आप अयोध्या में प्रवेश करेंगे तो आपको भारतरत्न-सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की वीणा और भजन के स्वर सुनाई देंगे. दरअसल, अयोध्या में स्थापित करने के लिए वीणा पहुंच गई है. उस पर माता लक्ष्मी और सरस्वती के साथ दो मोर भी बने हुए है. एक महीने में 70 कलाकारों द्वारा तैयार की गई इस वीणा की ऊंचाई या लंबाई करीब 12 मीटर यानि 40 फिट है.
वीणा की चौड़ाई 10 फिट है और वजन 14 टन है. गौरतलब है कि अयोध्या के मुख्य प्रवेश द्वार पर नयाघाट चौराहे को लता मंगेशकर चौराहा घोषित किया गया है, जिसके निर्माण का कार्य अंतिम दौर में पहुंच गया है. यहां लता मंगेशकर की मूर्ति नहीं बल्कि 40 फिट ऊंची वीणा स्थापित की जाएगी, जो शुक्रवार को अयोध्या पहुंच गई है.
लता मंगेशकर चौराहे पर लाइट और साउंड का ऐसा समन्वय होगा कि यहां से लता मंगेशकर द्वारा गाए गए श्रीराम के भजन और वीणा के मधुर ध्वनि लोगों को लगातार सुनाई देते रहेंगे. इसका डिजाइन रामसुतार फाइन आर्ट लिमिटेड कंपनी द्वारा तैयार किया गया है और इसे नोएडा से अयोध्या पहुंचने में तीन दिन लगे हैं.
करीब 8 करोड़ की लागत से बनने वाले लता स्मृति चौराहे का उद्घाटन 28 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे. इस स्मृति चौक के लिए वैश्विक डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसके जरिए डिजाइन का चयन और उसका प्रेजेंटेशन हुआ था और अब निर्माण कार्य अंतिम दौर में है.
वीणा निर्माता अनिल रामसुतार ने बताया, 'इसकी विशेषता यह है कि यह कांसे (ब्रांस ) का बना हुआ है, लंबाई 12 मीटर यानी करीब 40 फुट की है और वजन 14 टन है, एक महीने में मैंने इसे बनाया, वीणा के अंदर जो डिजाइन होनी चाहिए वह हमने बनाने की कोशिश की है, हमारे हिसाब से बहुत अच्छी बनी है, इसमें लाइट एंड साउंड शो होगा.