रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया. पिछले कई दशकों से चल रहे इस मामले का विवाद अब मध्यस्थता से सुलझेगा. मंदिर पक्ष और मस्जिद पक्ष से मिले सुझावों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थों के नाम तय कर दिए हैं, जिन्हें 2 महीने के अंदर सभी पक्षों से बात करनी होगी.
जिसके बाद ये पैनल अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देगा. शुक्रवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मामला कैसे सुलझेगा, इसके बारे में पढ़ें...
1. रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए भेजा, इसके लिए 3 मध्यस्थों का नाम तय किया गया है.
2. अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्ला, सीनियर वकील श्री राम पंचू इस पैनल में शामिल हैं.
3. इस पैनल को एक हफ्ते के भीतर अपनी सुनवाई शुरू करनी होगी.
4. रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की मध्यस्थता की पूरी सुनवाई फैज़ाबाद में ही होगी.
5. पैनल को 8 हफ्ते के अंदर सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी, हालांकि इस बीच भी पैनल लगातार कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगा.
6. फैजाबाद में होने वाली सुनवाई के लिए सारी व्यवस्था राज्य सरकार को करनी होगी.
7. मध्यस्थता के दौरान प्रिंट मीडिया और टीवी मीडिया पर रोक लगाई गई है, यानी पूरी प्रक्रिया की रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी.
आपको बता दें कि इससे पहले भी कई बार मध्यस्थता की कोशिशें हो चुकी हैं, लेकिन हर बार ये कोशिश असफल रही है. हालांकि, ये पहली बार हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस मसले को मध्यस्थता के लिए भेजा है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या की विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई के दौरान मध्यस्थता के माध्यम से विवाद सुलझाने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था.