अयोध्या विकास प्राधिकरण ने राम मंदिर के लिए स्वीकृत किए गए नक्शे को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को सौंप दिया है. इस दौरान वहां पर ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्र और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र भी मौजूद थे. दरअसल मंदिर का नक्शा दो सितंबर को विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से पास कर दिया गया था. 274110 वर्ग मीटर ओपन एरिया और करीब 13000 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया का नक्शा पास किया गया है.
13000 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया में राम मंदिर बनेगा. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने विकास शुल्क के तौर पर 2 करोड़ 11 लाख 33 हजार 184 रुपये प्राधिकरण खाते में जमा किए हैं.
अनुमान के मुताबिक अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने में 36 से 40 महीने का समय लग सकता है. मंदिर निर्माण में लोहे का कहीं प्रयोग नहीं किया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि मंदिर की आयु कम से कम एक हजार वर्ष होगी. लार्सन एंड टूब्रो कंपनी, आईआईटी के इंजीनियरों की निर्माण कार्य में मदद ली जा रही है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि मंदिर स्थल से मिले अवशेषों के श्रद्धालु दर्शन कर सके, ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है. मंदिर निर्माण में पत्थरों का उपयोग होगा. पत्थरों की आयु के हिसाब से ही मंदिर की एक हजार वर्ष आयु का आकलन किया गया है. निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने योग्यतम लोगों को अपने साथ जोड़ा है.
चंपत राय ने कहा कि मिट्टी की ताकत नापने के लिए कंपनी ने आईआईटी चेन्नई की सलाह ली है. 60 मीटर गहराई तक की मिट्टी की जांच की गई. भूकंप आएगा तो यहां की जमीन की मिट्टी उन तरंगों को कितना झेल पाएगी, इन सब की जांच हुई. राम मंदिर के निर्माण में एक ग्राम भी लोहे का प्रयोग नहीं होगा. राम मंदिर का एरिया करीब तीन एकड़ का होगा.