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भूमि पूजन के बाद फिर सजेगी अयोध्या, हो रही दशहरे के भव्य कार्यक्रम की तैयारी

सरकार दशहरे पर अयोध्या में होने वाले आयोजनों को भव्य से भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से पहले भी अयोध्या में दीपोत्सव जैसे बड़े आयोजन किए जाते रहे हैं. पिछले साल दिवाली पर अयोध्या में 5 लाख 51 हजार दीए जलाए गए थे.

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दशहरे के लिए अयोध्या में तैयारी शुरू
दशहरे के लिए अयोध्या में तैयारी शुरू

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  • यूपी सरकार इस साल दशहरे पर अयोध्या में भव्य कार्यक्रम की तैयारी कर रही है
  • उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग ने इस आयोजन को लेकर स्पेशल प्लान तैयार किया

राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के दौरान 5 अगस्त को अयोध्या पर देश-विदेश की नजरें रहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में यह कार्यक्रम हुआ. हालांकि कोरोना सुरक्षा प्रोटोकॉल्स की वजह से बहुत कम लोगों को ही उस आयोजन में हिस्सा लेने का मौका मिला. अब यूपी सरकार इस साल दशहरे पर अयोध्या में भव्य कार्यक्रम की तैयारी कर रही है. उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग ने इस आयोजन को लेकर स्पेशल प्लान तैयार किया है.

दरअसल, सरकार दशहरे पर अयोध्या में होने वाले आयोजनों को भव्य से भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से पहले भी अयोध्या में दीपोत्सव जैसे बड़े आयोजन किए जाते रहे हैं. पिछले साल दिवाली पर अयोध्या में 5 लाख 51 हजार दीए जलाए गए थे.

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भव्य रामलीला का होगा मंचन

संस्कृति विभाग के प्लान के मुताबिक, दशहरे पर अयोध्या में भव्य रामलीला का भी आयोजन किया जाएगा. वैसे हर साल रामलीला का आयोजन अयोध्या में होता है. इसमें देश भर के रंगमंच के कलाकार अयोध्या में जुटते हैं. लेकिन सरकार इस बार होने वाली रामलीला को बेहद खास बनाने की तैयारी में है. इसमें पूरी भव्यता और आकर्षक ढंग से भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों का मंचन किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग, पर्यटन और धर्मार्थ कार्य विभाग की तरफ से दशहरे के कार्यक्रम के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस प्रस्ताव को लेकर प्रेजेंटेशन और तमाम बैठकों के दौर हो चुके हैं. बस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहर का इंतजार है.

रामलीला के मंचन के लिए पहली बार हिंदी और भोजपुरी सिनेमा से जुड़े कई बड़े सितारे भी अयोध्या पहुंचेंगे. इसके अलावा विदेश से भी कलाकारों को न्योता दिया जाएगा.

रवि किशन ‘भरत’, मनोज तिवारी ‘अंगद’, विन्दू दारा सिंह ‘हनुमान’ और शहबाज खान ‘रावण’

बताया जा रहा है कि दशहरे पर होने वाली राम लीला के कुछ पात्रों को कौन से एक्टर निभाएंगे ये भी तय हो चुका है. जानकारी के मुताबिक गोरखपुर से बीजेपी सांसद और जाने-माने एक्टर रवि किशन राम लीला में भरत की भरत की भूमिका निभाते नजर आएंगे. वहीं नॉर्थ ईस्ट दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद मनोज तिवारी रामलीला में अंगद का किरदार निभाएंगे.

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दिवंगत अभिनेता-पहलवान दारा सिंह ने रामानंद सागर की रामायण में हनुमान का पात्र निभा कर प्रशंसकों से खूब वाहवाही बटोरी थी. अब उनके पुत्र विंदू दारा सिंह अयोध्या में दशहरे पर होने वाली रामलीला में हनुमान का रोल निभाएंगे. रावण का अहम किरदार अभिनेता शहबाज खान निभाते नजर आ सकते हैं. शहबाज खान कई फिल्मों और टीवी सीरियल्स में काम कर चुके हैं. उन्हें ‘चंद्रकाता’ टीवी सीरियल में निभाए रोल से खास पहचान मिली थी.

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‘राम-सीता’ कौन बनेंगे, अभी तय नहीं

रामलीला में भगवान राम और सीता के किरदार कौन से कलाकार निभाएंगे, ये अभी तय नहीं हुआ है. जो और अभिनेता रामलीला में नजर आ सकते हैं, उनमें आशुतोष राणा का भी नाम लिया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, इस आयोजन के दौरान ‘रामायण’ सीरियल में काम कर चुके कलाकारों को भी विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया जा सकता है. रामलीला में बॉलीवुड कलाकारों को बुलाने के प्रपोजल की अगुवाई एक्टर और सोशल एक्टिविस्ट राजा बुंदेला कर रहे हैं.

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अयोध्या को चमकाना जारी

सरकार ने राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या को चमकाने के लिए कई प्रोजेक्ट शुरू कर रखे हैं. जैसे अयोध्या के रेलवे स्टेशन को राम मंदिर के थीम पर ही भव्य रूप दिया गया है. इसके अलावा सरयू तट पर भगवान राम की ढाई सौ मीटर से ऊंची प्रतिमा लगाने की योजना है. वहीं, राम कथा संग्रहालय के नाम से म्यूजियम बनाने का प्रोजेक्ट है. यहां साल के आम दिनो में भी भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों का ऑडियो विजुअल माध्यम से आने वाले श्रद्धालुओं को देखने का अवसर मिलेगा. शहर के बस अड्डे को भी अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं के अनुरूप ढाला जा रहा है.

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दशहरे पर अयोध्या को फिर से दुल्हन की तरह सजा हुआ देखा जा सकता है. रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्रे ट्रस्ट की ओर से भी दशहरे पर होने वाले कार्यक्रमों के लिए पूरा सहयोग किया जाएगा. मुख्य आयोजन के लिये यूपी सरकार विशेष बजट का प्रावधान करेगी. अयोध्या में होने वाली रामलीला का लाइव प्रसारण पूरे प्रदेश में कराने की भी योजना है.

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क्या कहता है विपक्ष?

कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा का कहना है कि बेशक रामलीला का मंचन भव्यतम होना चाहिए, क्योंकि ये पूरे हिंदू धर्म की आस्था का सवाल है, इसमें कोई भी कमी नहीं होनी चाहिए. लेकिन साथ ही सरकार को उन लोगों की रोजी-रोटी और रोजगार का इंतजाम करना चाहिए, जिन्हें कोरोना संकट से जुड़ी दिक्कतों ने असहाय कर दिया है. वो बहुत उम्मीद से देख रहे हैं. अगर सरकार सिर्फ राजनीतिक लाभ को देखकर आयोजनों पर पैसा और वक्त लगाएगी तो इससे आम जनता का क्या भला होगा.

समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह का भी मानना है कि सरकार अगर रामलीला को भव्य तरीके से करना चाहती है और ये भारत के धर्म और संस्कृति का ही विस्तार है तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं. लेकिन सरकार का फर्ज उन तमाम लोगों के लिए भी है जिन्होंने प्रदेश की सत्ता बीजेपी के हाथ में दी है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में जहां इतने केस हर रोज पूरे प्रदेश से आ रहे हैं, अगर ऐसे आयोजनों में सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया तो ये जनता के लिए दिक्कतें पेश कर सकता है. सरकार को हर प्लान के साथ जनता की सुरक्षा, भलाई, रोजगार पर भी गंभीरता से सोचना चाहिए.

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कोरोना की स्थिति के मुताबिक होंगे फैसले

बहरहाल, यूपी सरकार अक्टूबर में रामलीला के मंचन के लिए जो माहौल तैयार कर रही है, वो साफ बताता है कि राममंदिर और उससे जुड़े मुद्दे आने वाले चुनाव में भी बीजेपी के लिए बेहद अहम रहने वाले हैं. दरअसल, कोरोना संक्रमण और विपक्ष के लगातार हमलों के चलते राममंदिर भूमिपूजन के लिए यूपी सरकार बहुत बड़े पैमाने पर कार्यक्रम नहीं कर पाई थी. अब सरकार चाहती है कि दशहरे पर अयोध्या में भव्य आयोजन किया जाए.

लेकिन जैसे कि देश में कोरोना का प्रकोप अभी जारी है. ऐसे में दशहरे को अभी दो महीने से ज्यादा का वक्त बाकी है. तब तक स्थिति में काफी सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है. जहां तक कार्यक्रम की अंतिम रुपरेखा का सवाल है तो ये उस वक्त कोविड-19 संक्रमण की स्थिति, सुरक्षा उपायों और अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाओं पर निर्भर करेगा. सरकार उसी के मुताबिक समय-समय पर समीक्षा कर कार्यक्रम के बारे में फैसले करेगी.

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