राम मंदिर के लिए शिलान्यास और भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए अयोध्या में तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी 5 अगस्त को इस कार्यक्रम में मौजूद रहने की संभावना है. इस अवसर को भव्य बनाने के लिए दिन-रात काम चल रहा है. उस दिन देश-विदेश के फोकस में अयोध्या नगरी रहेगी.
अयोध्या के सभी मुख्य स्थानों को सजाया संवारा जा रहा है. कुछ कुछ उसी अंदाज में जिस अंदाज में प्रयागराज को महाकुंभ के दौरान चमकाया गया था. जगह-जगह वॉल पेंटिंग के जरिए धार्मिक नगरी को सुंदर बनाया जा रहा है. शहर की सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. सरयू नदी के घाटों को साफ करने और सौंदर्यीकरण का काम भी फुल स्पीड पर है.
(सैटेलाइट इमेज-आभार- कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड)
हर मायने में अयोध्या को अधिक सुंदर और आधुनिक बनाने के लिए 360 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पहले शुरू किए जा चुके हैं. आधुनिकीकरण के 140 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पर अभी काम होना बाकी है.
शहर को सजाया जा रहा (फोटो- हरीश कांडपाल)
इंडिया टुडे की ओपन सोर्स इंटेलीजेंस (OSINT) टीम ने अयोध्या में जो विकास परियोजनाएं पहले से जारी हैं, उनका सैटेलाइट तस्वीरों से जायजा लिया. साथ ही ग्राउंड जीरो पर भी रिपोर्टर्स की टीम ने जाकर रियलिटी चेक किया. पिछले दो वर्षों में इन विकास के इन प्रोजेक्ट्स का असर असाधारण कहा जा सकता है.
सरयू नदी को प्रदूषण मुक्त बनाना
अयोध्या शहर सरयू नदी के तट पर स्थित है. सरयू नदी हिमालय से निकलकर बलिया और छपरा के बीच गंगा में विलीन हो जाती है.
सरयू नदी (फोटो- हरीश कांडपाल)
ये नदी वर्षों से फैजाबाद और अयोध्या दोनों शहरों से आने वाले सीवेज के पानी से प्रदूषित हो रही थी. लगभग 70 मीटर चौड़ा एक नाला सरयू नदी में बड़े पैमाने पर औद्योगिक और मानव अपशिष्ट (कचरे) का जहर घोल रहा था.
2019 में यहां एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया गया है और अंतरिक्ष से देखने पर सफाई के परिणाम प्रभावशाली दिखते हैं.
रिवर फ्रंट का काम तेजी से चल रहा (फोटो- हरीश कांडपाल)
हालांकि, कुछ और छोटी धाराएं निर्मोचन, झुनकी और गोला घाटों पर सरयू में मिलती हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.
पूरी अयोध्या से पानी को नयाघाट या लक्ष्मण किला के पास से मोड़ा जा सकता है, जहां एक और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रदूषण के मुद्दे को पूरी तरह से हल कर सकता है.
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अयोध्या के सौंदर्यीकरण में नमामि गंगे परियोजना का भी इस्तेमाल हो रहा है. इसके तहत सरयू में गिरने वाले तमाम छोटे नालों के गंदे पानी को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट कर वापस सरयू में भेजा जा रहा है.
कुछ साल पहले तक जहां अयोध्या के किनारे सरयू का प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर तक जा रहा था, अब नालों का गिरना बंद होने से हालात कुछ बेहतर हुए हैं.
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अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के मुताबिक शहर के छोटे-बड़े 6 नाले सरयू नदी में गिरते थे जो प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह माने जाते थे, इनमें से 5 नालों का सरयू में गिरना बंद कर दिया गया है.
फैजाबाद शहर जो अयोध्या से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर है. हालांकि वहां अब भी 12 छोटे और 3 बड़े नाले सरयू में गिर रहे हैं. अयोध्या के मेयर उपाध्याय कहते हैं. “एक सबसे बड़े नाले को रोकने की कवायद चल रही है और करीब 364 करोड़ का एक प्रोजेक्ट केंद्र के पास स्वीकृति के लिए गया हुआ है. उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में ये स्वीकृत हो जाएगा.”
रिवर फ्रंट का एक दृश्य (फोटो- हरीश कांडपाल)
लेकिन हकीकत ये है कि फिलहाल फैजाबाद के पास यह नाला अब भी सरयू में गिर रहा है जो नदी के प्रदूषण की बड़ी वजह है.
अयोध्या के मेयर का दावा है कि अगले एक साल में सरयू नदी को पूरी तरीके से प्रदूषण मुक्त किया जा सकेगा, क्योंकि तब अयोध्या की धार्मिक नगरी से लेकर फैजाबाद तक, सभी नाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के बाद ही सरयू में गिर पाएंगे. ठोस सॉलिड वेस्ट (कचरे) के लिए भी अलग से प्लान तैयार किया जा रहा है.
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न्यू रिवर फ्रंट
अयोध्या में सरयू के पूरे रिवर फ्रंट को नए सिरे से बनाने की योजना है. इसके लिए लक्ष्मण घाट और नया घाट क्षेत्र, जो मुख्य आकर्षण हैं, उनका मेक ओवर किया जा रहा है.
पूरे क्षेत्र को सजाया जा रहा है. कोशिश यही है कि रिवर फ्रंट का कायापलट इस तरह किया जाए कि अधिक से अधिक लोग यहां आना पसंद करें.
(सैटेलाइट इमेज-आभार- कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड)
राम की पैड़ी अयोध्या की वह सबसे सुंदर जगह है जहां अयोध्या से सरयू की एक धारा निकालकर ले जाई गई है. इसे सुंदर ढंग से सजाया गया है लेकिन 5 अगस्त से पहले और आकर्षक बनाया जा रहा है.
सौंदर्यीकरण के तहत घाटों को भी पक्का किया जा रहा है. घाटों के किनारे लोहे के खंबे और जंजीरे लगाकर बाकायदा सुरक्षा घेरा डाला जा रहा है ताकि घाट पर आने वाले लोग महफूज रहें.
रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण
राम मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन के बाद से ही शहर में तीर्थ पर्यटन में बढ़ोतरी की उम्मीद है. राम मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद देश विदेश से बड़ी संख्या में लोग यहां आया करेंगे.
(सैटेलाइट इमेज-आभार- कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड)
भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इस तीर्थ नगरी में परिवहन सुविधाओं को विकसित करने की जरूरत है.
अयोध्या रेलवे स्टेशन पर तीनों प्लेटफार्मों और स्टेशन के दोनों छोरों को जोड़ने वाला एक नया फुट ओवरब्रिज है.
स्टेशन के नए मुख्य टर्मिनल भवन पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. इसका डिजाइन राम मंदिर के मॉडल के ऊपर ही रखे जाने की योजना है. इसलिए यहां काफी भव्य इमारत आकार ले सकती है.
बाहर से यह रेलवे स्टेशन पूरी तरीके से धार्मिक नगरी के थीम पर आधारित दिखाई देता है. भगवान राम के चित्रों से पूरे स्टेशन को उकेरा गया है.
रेलवे स्टेशन का भी कायाकल्प हो रहा (फोटो- हरीश कांडपाल)
रेलवे के साथ मिलकर यह प्रोजेक्ट पिछले कई महीनों से चल रहा है. उम्मीद की जा रही है 5 अगस्त तक यह स्टेशन भी जगमग करता दिखाई देगा.
न्यू इंटरनेशनल बस टर्मिनस
रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनस, इन दोनों प्रोजेक्ट पर काम 2019 में शुरू हो गया था,लेकिन संभवत: कोर्ट केस के कारण और बाद में कोविड-19 महामारी की वजह से यहां काम रुका हुआ था.
(सैटेलाइट इमेज-आभार- कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड)
अयोध्या बाईपास सड़क के पास नए बस टर्मिनस की इमारत को को सैटेलाइट तस्वीरों से देखा गया तो मई 2020 तक ये निर्माण की शुरुआती स्टेज में ही नजर आती थी.
शहर का बस स्टेशन (फोटो- हरीश कांडपाल)
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अयोध्या से होकर नेशनल हाईवे (NH28) जाता है जो लखनऊ को गोरखपुर से जोड़ता है. इसी सड़क के किनारे इंटरनेशनल बस टर्मिनस बन रहा है. फिलहाल यह बस अड्डा शुरू नहीं हुआ है लेकिन इसमें काम बहुत तेजी से चल रहा है. उम्मीद की जा रही है कि अगले 6 महीने में यह बस अड्डा ऑपरेशनल हो जाएगा.
(कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड) इंडिया टुडे के एक सलाहकार हैं. वे सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषक हैं, उन्होंने 33 साल से ज्यादा तक भारतीय सेना में सर्विस की)