राम की नगरी अयोध्या में छोटी सी जान ने सरयू की उफनाती लहरों को भी मात दे दी. सरयू नदी की उफनाती धारा में परिवार के 11 अन्य सदस्यों के साथ जा गिरी सात साल की मासूम बच्ची ने हौसले और धैर्य से मौत को भी मात दे दी. सात साल की इस मासूम को सुरक्षित जीवित बचा लिया गया. कोई इसके लिए ईश्वर का शुक्रिया कर रहा है तो कोई बच्ची के हौसले की दाद दे रहा है.
बच्ची ने अपने सामने परिवार के बड़ों को एक-एक कर सरयू नदी में डूबते देखा. जान बचाने के लिए संघर्ष करते देखा लेकिन सरयू की उफनती लहरों के बीच उसने अपना हौसला नहीं खोया और मौत को मात देकर वापस लौट आई. जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के सिकंदरा क्षेत्र के शास्त्रीपुरम से 15 लोगों का परिवार अयोध्या दर्शन के लिए आया था.
अयोध्या में दर्शन पूजन के बाद परिवार के सदस्यों को पता चला कि प्रसिद्ध गुप्तार घाट भी नजदीक ही है. परिवार के सदस्यों ने गुप्तार घाट घूमने का फैसला किया. गुप्तार घाट पहुंचे तो राम जानकी मंदिर में दर्शन के बाद पक्के घाट के किनारे कच्चे घाट की तरफ सीढ़ी पर बैठ गए. इसी बीच परिवार का एक सदस्य फिसलकर नदी के गहरे पानी में जा गिरा. सरयू नदी के पानी में गिरे सदस्य को बचाने के लिए एक के बाद एक परिवार के बड़े सदस्य नदी की ओर जाते रहे और खुद भी गिरते रहे.
आलम यह था कि कुल 15 सदस्यों में से 12 लोग सरयू के गहरे पानी में गिर गए. नदी किनारे की दुकानों पर बैठे लोग ये देख मौके की ओर दौड़े और बाकी लोगो को गिरने से बचाया. स्थानीय गोताखोरों ने नदी में छलांग लगा दी. 12 लोगों में से तीन को जीवित बचा लिया. इन्हीं में से एक सात वर्षीय बच्ची भी शामिल हैं जिसके पिता ललित और तीन अन्य लोग अभी लापता हैं. छह लोग की जलधारा में फंसकर जान चली गई.