अयोध्या में एक ऐसा वायरल वीडियो सामने आया है, जिसने कई सवाल खड़े किए हैं. पहला सवाल हनुमानगढ़ी के महंत अयोध्या की सुरक्षा को लेकर है. दूसरा सवाल ऐसे लोगों के बारे में पुलिस महकमे के पास कोई जानकारी ना होना है. तीसरा सवाल यह कि वायरल वीडियो में शख्स अपना नाम मुस्लिम और पिता का नाम हिंदू क्यों बता रहा है.
वीडियो अयोध्या के सबसे संवेदनशील क्षेत्र माने जाने वाले रामकोट का है. सूत्रों की माने तो इस वीडियो को अयोध्या के स्थानीय लोगों ने ही बनाया है. इस वीडियो में कई युवक दिखाई दे रहे हैं जो अपने को सिंदूर का व्यवसाई बता रहे हैं और नाम पूछने पर अपना नाम मुस्लिम तो पिता का नाम हिंदू बता रहे हैं.
इसमें कोई अपने आपको बाराबंकी तो कोई कानपुर का निवासी बता रहा है. इन युवकों की संख्या एक दर्जन से अधिक बताई जा रही है. इनके अनुसार वह अयोध्या में घूम कर सिंदूर बेचते हैं लेकिन रहते कहां हैं? इसके बारे में वह कुछ नहीं बताते और कहते हैं कि यहीं कहीं सो जाते हैं.
अब जरा यह भी जान लीजिए की रामकोट क्षेत्र में ही श्री राम जन्मभूमि मंदिर बन रहा है. इसी क्षेत्र में अयोध्या के पौराणिक और प्रसिद्ध मंदिर हैं. इसी रामकोट क्षेत्र की परिक्रमा भी की जाती है. बिना विशेष अनुमति के कोई भी वाहन लेकर इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकता. जगह-जगह आपको क्षेत्र में पुलिस बैरियर दिखाई देंगे. देखें Video:-
खास मौकों पर पुलिस का फ्लैग मार्च भी आपको दिखाई देगा. श्रावण मास में भी अक्सर पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान आपको घूमते दिखाई देंगे. बावजूद इसके इतनी बड़ी संख्या में वह भी दूसरे समुदाय के लोगों का इस तरह इस क्षेत्र में आना और इसकी भनक सुरक्षा तंत्र को न लगना कई सवाल उठाता है और इस वायरल वीडियो में यही चिंता इन लोगों से सवाल पूछ रहे स्थानीय व्यक्तियों के सवालों में भी झलकती है.
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास भी पूर्व में हुई आतंकी घटनाओं का हवाला देते हैं और सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता भी जाहिर करते हैं और कहते हैं कि जांच के नाम पर हम लोगों को भी रुकना पड़ता है लेकिन इनका पहचान पत्र चेक करने वाला भी कोई नहीं है यह अपने आप में बड़ा सवाल है.
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि देखिए व्यापार करना अच्छी बात है, मैं किसी पंथ-किसी मजहब-किसी संप्रदाय के विरोध में बात नहीं कर रहा हूं, लेकिन यह गंभीर चूक है क्योंकि उसमें अभी मैं इस वीडियो में सुन रहा था, उसने बताया सात-आठ लोग हैं, आईडी प्रूफ भी नहीं है, मैं मांग करता हूं कि प्रशासन सख़्ती से इसकी जांच करें.
इस मामले में आजतक की टीम ने जब पुलिस अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.