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इकबाल अंसारी बोले- आस-पास बने मस्जिद, ओवैसी के बयान को मैं नहीं सुनता

मुस्लिम पक्ष के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि पहले सरकार तय करे कि वो हमें जमीन कहां पर दे रही है. जमीन मिलने के बाद हमारी कमेटी तय करेगी कि मस्जिद कैसे बननी है. हम चाहते हैं कि मस्जिद आस-पास ही बने.

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इकबाल अंसारी (फाइल फोटो-ANI)
इकबाल अंसारी (फाइल फोटो-ANI)

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अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को लागू करने की कवायद शुरू हो गई है. इस बीच मुस्लिम पक्ष के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि पहले सरकार तय करे कि वो हमें जमीन कहां पर दे रही है. जमीन मिलने के बाद हमारी कमेटी तय करेगी कि मस्जिद कैसे बननी है. उन्होंने आजतक से खास बातचीत में कहा, हम चाहते हैं कि मस्जिद आस-पास ही बने.

ओवैसी के बयान पर क्या बोले इकबाल अंसारी

असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर इकबाल अंसारी ने कहा कि हम खुद पक्षकार हैं, कोई क्या कह रहा है, हम सुनते भी नहीं हैं. इकबार अंसारी ने कहा कि मैं पुनर्विचार याचिका नहीं डालूंगा. एक फैसला आने में सत्तर साल लग गए, जबकि सारे गवाह और सबूत हमने दिए. हम चाहेंगे कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बना रहे. बता दें कि ओवैसी ने मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दिए जाने की बात को स्वीकार ना करने की बात कही है.

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इकबाल अंसारी के पिता ने 70 साल लड़ा मुकदमा

राम मंदिर मामले में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें मंजूर है. देशभर के लोगों को इसका स्वागत करना चाहिए. बता दें कि इकबाल अंसारी के पिता हाशिम अंसारी ने 70 साल तक इस मामले में मुकदमा लड़ा और 3 साल पहले उनका निधन हो गया है. हाशिम अंसारी चाहते थे कि उनके रहते इस मामले का निपटारा हो जाए. अब उनके बेटे इकबाल अंसारी मानते हैं कि उनके पिता अगर आज जिंदा होते तो वो भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते.

ओवैसी बोले- मस्जिद के लिए नहीं चाहिए 5 एकड़ जमीन की खैरात

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सहमत नहीं हैं. ओवैसी ने कहा कि हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे थे और हमें मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन की खैरात की जरूरत नहीं है. मुस्लिम गरीब हैं, लेकिन मस्जिद बनाने के लिए पैसा इकट्ठा कर सकते हैं.

अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने किया ये फैसला

अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन तक लगातार चली सुनवाई के बाद शनिवार को फैसला सुनाया गया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया जबकि रामलला का हक माना गया. साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है.

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