विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की अगुवाई में राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या में धर्म सभा बुलाई गई है. इस धर्म सभा में वीएचपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल के देश भर से तकरीबन तीन लाख कार्यकर्ताओं के इकट्ठा होने का दावा किया जा रहा है.
राम की नगरी अयोध्या में होने वाली धर्म सभा से पहले सुरक्षा की जबरदस्त व्यवस्था की गई है. किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के 70000 जवान तैनात किए गए हैं और जगह-जगह पर नाकेबंदी भी की गई है. नाकेबंदी और रूट डायवर्जन की वजह से स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तो वहीं जिन अल्पसंख्यकों के जेहन में अभी बाबरी विधवंस की यादें ताजा हैं, वे अयोध्या छोड़कर आस-पास के शहरों में चले गए हैं.
गौरतलब है कि धर्म सभा में हिस्सा लेने के लिए देश भर से वीएचपी, आरएसएस और बजरंग दल के कार्यकर्ता बुलाए गए हैं. जिनका शनिवार से ही अयोध्या पहुंचना जारी है. राम भक्तों और साधु-संतों की बड़ी संख्या में अयोध्या आने से शहर की गलियां और चौक चौराहे भगवा झंडों से अटा पड़ा है. सड़कें और गलियां 'जय श्रीराम', 'बच्चा बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का' जैसे नारों से गूंज रहा है.
इस धर्मसभा में हिस्सा लेने वालों में युवाओं की संख्या ज्यादा है. यह वो युवा हैं जिन्होंने 80 के दशक के राम मंदिर आंदोलन को नहीं देखा, फिर भी उत्साहित है. हमारे संवाददाता ने जब अयोध्या पहुंचे कुछ युवाओं से बातचीत की वे कहते हुए पाए गए कि आज राम मंदिर बन कर रहेगा. तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह धर्म सभा सरकार और सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बनाने के लिए है, ताकि वे राम मंदिर को लेकर जल्द फैसला लें.
चूंकि इस धर्म सभा में देश भर से रामभक्त इकट्ठा हुए हैं, इसलिए इसमें देश के विभिन्न भागों की संस्कृति भी दिख रही है. जिसमें लोग ढोल मजीरा लेकर पहुंचे हैं और अपने इलाके के लोक गीत के साथ भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति जता रहे हैं.
इधर सुरक्षा को लेकर भी प्रशासन चौकन्ना है. सुरक्षा के लिए बहुस्तरीय व्यवस्था की गई है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पूरे अयोध्या में धारा 144 लागू कर दिया गया है और कुछ इलाकों में ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है.