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अयोध्या: रिव्यू पिटीशन नहीं देगा सुन्नी वक्फ बोर्ड, मस्जिद की जमीन पर चर्चा नहीं

बहुमत में यह फैसला लिया गया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगा. हालांकि, इस बात पर कोई चर्चा नहीं हुई कि मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन ली जाएगी या नहीं.

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सुन्नी वक्फ बोर्ड की प्रेस कॉन्फ्रेंस की फाइल फोटो (ANI)
सुन्नी वक्फ बोर्ड की प्रेस कॉन्फ्रेंस की फाइल फोटो (ANI)

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  • सुन्नी बोर्ड में बहुमत का फैसला, रिव्यू पिटीशन नहीं देना चाहिए
  • मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन लेने पर अभी नहीं हुई कोई बात

अयोध्या मसले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक हुई. बोर्ड की मीटिंग में 7 में से 6 सदस्यों ने रिव्यू पिटीशन नहीं दाखिल करने की बात कही. एक सदस्य ने इसका विरोध किया. बहुमत में फैसला लिया गया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगा. हालांकि, इस बात पर कोई चर्चा नहीं हुई कि मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन ली जाएगी या नहीं.

सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य अब्दुल रज्जाक ने 'आजतक' से कहा, बोर्ड रिव्यू पिटीशन नहीं दाखिल करेगा. बैठक में केवल अब्दुल रज्जाक ही ऐसे थे जिन्होंने याचिका दाखिल करने के पक्ष में बात की थी लेकिन बोर्ड ने 6-1 के बहुमत से अपना फैसला लिया. मस्जिद की जमीन को लेकर बैठक में कोई बातचीत नहीं हुई. अगली बैठक में बोर्ड इस पर चर्चा करेगा. अब्दुल रज्जाक ने कहा कि जमीन के मामले पर अभी फैसला नहीं हुआ, जब सरकार ऑफर करेगी तब फैसला होगा.

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सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारूकी पहले ही अपनी राय रख चुके हैं कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान लेना चाहिए. हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रिव्यू पिटीशन में जाने के बाद अब सुन्नी वक्फ बोर्ड भी दो खेमों में बंट चुका है. एक खेमा खुलकर पिटीशन दाखिल करने के पक्ष में है, जबकि दूसरे कई लोग इस मामले को आगे ले जाने के पक्ष में नहीं हैं.

जफर फारूकी की बात से अब्दुल रज्जाक खान और दूसरे सदस्य इत्तेफाक नहीं रखते. इनके मुताबिक सुन्नी वक्फ बोर्ड को रिव्यू में जरूर जाना चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कई विरोधाभास हैं. साथ ही पांच एकड़ जमीन भी नहीं ली जानी चाहिए क्योंकि मस्जिद के एवज में दूसरी मस्जिद नहीं बनाई जा सकती. मस्जिद हमेशा के लिए होती है.

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