अयोध्या में माहौल खराब करने की साजिश में शामिल आरोपियों में सबसे बड़ा किरदार महेश कुमार मिश्रा है. महेश कुमार मिश्रा ही इस साजिश का मास्टरमाइंड है, साजिश को अंजाम देने के लिए और लोगों को इकट्ठा करने वाला भड़काने वाला है. महेश कुमार मिश्रा बीते कुछ सालों से अपना एक अलग संगठन हिंदू योद्धा चलाता है.
अयोध्या के ही कुछ नौजवान लड़कों को इकट्ठा कर कट्टर हिंदू की विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है. फेसबुक पर अपने विचारों को कट्टरता से रखने वाला महेश कुमार मिश्रा लंबे समय से आरएसएस से भी जुड़ा रहा. महेश मिश्रा के भाई विशाल मिश्रा की माने तो वो आरएसएस का पूर्णकालिक सदस्य है, बजरंग दल में जिला संयोजक के पद पर रहा और वीएचपी में प्रांत सुरक्षा प्रमुख का पदाधिकारी भी रहा. दिल्ली और खरगोन में हुई हिंसा के बाद महेश मिश्रा के अंदर कट्टरता बढ़ने लगी थी. हर गुरुवार को अपने कुछ नौजवान साथियों के साथ महेश मिश्रा अयोध्या के किसी न किसी मोहल्ले में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ भी करने लगा था.
इस साजिश में दूसरे नंबर का आरोपी प्रत्यूष श्रीवास्तव बैंड बाजे की दुकान में काम करता है. प्रत्यूष ही वो व्यक्ति है जिसने चौक से मोहम्मद रफीक बुक स्टोर से ₹500 में दो क़ुरान खरीदी थीं और सामने पम्मी कैप हाउस से जालीदार टोपी खरीदी थी.
तीसरा किरदार बृजेश पांडे जिसके घर में बैठकर ये पूरी साजिश रची गई. आम भाषा में कहे तो वो झोलाछाप डॉक्टर है. डेंटिस्ट्री में डिप्लोमा कर रखा है. चौथा आरोपी नितिन कुमार अयोध्या के शहर कोतवाली इलाके की हमदानी कोठी का रहने वाला है. नितिन कुमार दिल्ली के फैक्ट्री में काम करता था लेकिन बीते कुछ महीनों से वो अपने घर पर ही आकर रहने लगा था. धार्मिक होने के चलते नितिन की मुलाकात सुंदरकांड के दौरान महेश मिश्रा से हुई थी और तभी से नितिन महेश मिश्रा का शागिर्द बन गया था.
पांचवा आरोपी दीपक कुमार गौड़ आटा चक्की पर काम करता है कम पढ़ा लिखा है लेकिन धार्मिक है. बाकी दो आरोपी शत्रुघ्न प्रजापति और विमल पांडे स्थानीय स्तर पर पोर्टल चलाते हैं. फिलहाल इस संबंध में एसएसपी अयोध्या शैलेश पांडे का कहना है कि हर आरोपी की भूमिका की पुष्टि की जा रही है, फरार चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद हर एक व्यक्ति के भूमिका और साफ हो पाएगी.