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सपा में अमर सिंह की वापसी की खबर से एंटी खेमा सक्रिय, रामगोपाल से मिले आजम

मुलायम सिंह यादव के करीबी अमर सिंह की वापसी को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी में एक नया मोर्चा बन गया है. अमर सिंह की संभावित वापसी को देखते हुए शुक्रवार को सपा के दो ध्रुव आजम खान और राम गोपाल अपने गिले-शिकवे को भुलाकर गले मिल गए.

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दिल्ली में रामगोपाल और आजम के बीच मुलाकात हुई
दिल्ली में रामगोपाल और आजम के बीच मुलाकात हुई

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मुलायम सिंह यादव के करीबी अमर सिंह की वापसी को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी में एक नया मोर्चा बन गया है. अमर सिंह की संभावित वापसी को देखते हुए शुक्रवार को सपा के दो ध्रुव आजम खान और राम गोपाल अपने गिले-शिकवे को भुलाकर गले मिल गए. लगभग एक घंटे तक चली मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों ने नई अटकलों को जन्म दे दिया है.

सपा के अंदर खेमेबंदी
चर्चा है कि मुलायम के दोस्त को रोकने के लिए दुश्मन एक हो गए हैं. मुलायम के दोस्त अमर सिंह इन दिनों पार्टी में वापसी को लेकर काफी सक्रिय हैं. कयास भी लगाया जा रहा है कि अमर सिंह की पार्टी में वापसी हो सकती है. इतना ही नहीं मीडिया में चर्चा है कि अमर सिंह सपा के टिकट पर राज्यसभा जा सकते हैं. ऐसे में आजम और रामगोपाल की मुलाकात को एंटी अमर फ्रंट के रूप में देखा जा रहा है.

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तीन साल बाद रामगोपाल और आजम के बीच मुलाकात
करीब तीन साल बाद आजम और रामगोपाल के बीच मुलाकात हुई. अब इस मुलाकात के निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं. शुक्रवार को आजम दिल्ली में लोधी स्टेट स्थित प्रोफेसर राम गोपाल के आवास पर पहुंचे. आजम और रामगोपाल ने साथ-साथ लंच किया करीब घंटे भर तक दोनों नेता साथ रहे. दोनों के बीच की दूरी खत्म करने में कुछ बड़े नेताओं ने भूमिका निभाई. दोनों नेताओं की बातचीत के दौरान सपा के सांसद मुनव्वर सलीम भी मौजूद थे. इस मुलाकात को सपा में अमर सिंह की वापसी के संदर्भ में देखा जा रहा है. जुलाई में राज्यसभा के चुनाव में अमर सिंह को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. अमर की राह में रामगोपाल और आजम ही सबसे बड़े रोड़ा माने जा रहे हैं.

राज्यसभी सीट को लेकर चर्चाएं तेज
सियासी गलियारों में ये कयास लगाये जा रहे हैं कि ये सारी कवायदें आने वाली 4 जुलाई को यूपी कोटे की 11 राज्यसभा सीटों के खाली होने को लेकर है. खबरों की मानें तो इनमें से सपा की 6 सीटों में से एक सीट पर अमर सिंह का नाम सपा सुप्रीमो तय कर चुके हैं. अगर सपा सुप्रीमो को पार्टी में ज्यादा अंदरूनी दबाव का सामना नहीं करना पड़ता तो जयाप्रदा भी राज्यसभा पहुंच सकती हैं. ऐसे में अमर सिंह के धुर विरोधी माने जाने वाले रामगोपाल यादव और आजम खान के लिए ये एक बड़ा झटका होगा.

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जयाप्रदा ने मुलायम का पैर छूकर लिया था आशीर्वाद
हाल ही में अमर सिंह और जयाप्रदा की वापसी की भूमिका शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य की शादी के दिन ही तय हो गई थी. विवाह समारोह में जयाप्रदा और अमर सिंह ने जिस तरह हिस्सा लिया और पूरे समारोह के दौरान मुलायम के आसपास ही रहे उससे कुछ कयास लगने लगे थे. जयाप्रदा ने तो मुलायम का पैर छूकर आशीर्वाद लिया था.

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