सपा सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट से सपा सांसद को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से टैक्स वसूली आदेश पर दखल देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने मामले में सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी.
बता दें कि याचिका में 147.20 करोड़ की लागत से बने 16 भवनों के 1.36 करोड़ टैक्स एवं 2.72 करोड जुर्माना की वैधता को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि टैक्स निर्धारण आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने का विकल्प है. ऐसे में याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती. यह आदेश जस्टिस जे जे मुनीर की एकल पीठ ने जौहर यूनिवर्सिटी रामपुर के अध्यक्ष मोहम्मद आजम खान व कुलसचिव के मार्फत दाखिल याचिका पर दिया है.
मालूम हो कि जौहर यूनिवर्सिटी आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है. 2006 में सपा सरकार के दौरान इसका शिलान्यास हुआ था, तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव खुद कई मंत्रियों के साथ रामपुर आए थे. इसके बाद 2012 में इसका उदघाटन अखिलेश यादव की सरकार में हुआ. हालांकि, यह यूनिवर्सिटी अपनी जमीनों को लेकर विवादों में आ गई. इस पर किसानों की जमीन कब्जाने का आरोप भी लगा.
बीते दिनों ही नियमों व शर्तों के उल्लंघन में गड़बड़ी पर आजम खान के जौहर ट्रस्ट के लिए अखिलेश सरकार में दी गई 70 हेक्टेयर सरकारी जमीन यूपी सरकार ने वापस ले ली. अभिलेखों में जौहर यूनिवर्सिटी की 70 हेक्टेयर जमीन पर राज्य सरकार का नाम वापस आ गया.
आजम के जौहर ट्रस्ट की 1400 बीघा जमीन सरकार ने ज़ब्त कर ली है और अब वो सरकारी अभिलेखों मे भी दर्ज हो गई है. 16 जनवरी को एडीएम प्रशासन की कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई थी.