लखनऊ में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आजम खान ने मुजफ्फरनगर दंगो को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा जारी नोटिस के जवाब देने के बाद कहा कि उन्हें जो भी कहना है वो कोर्ट में कहेंगे. पूरे मामले पर कोर्ट अपना काम कर रही है और सरकार अपना काम करेगी.
आजम खान ने साथ ही कांग्रेस पर दलित, पिछड़ों और मुसलमानों को दबाने और बर्बाद करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता का ये कहना कि कई दलित नेता होना बेबुनियाद है, जबकि कांग्रेस खुद एक सदी से ज्यादा पुरानी पार्टी है. लेकिन उसने खुद दलित नेताओं को आगे आने नहीं दिया और उन्हे नजरअंदाज किया है.
आजम खान के मुताबिक 'मामला कोर्ट में है जो कहना है कोर्ट में कहेंगे. आप जानते हैं कि हम किसी का पक्ष नहीं लेते जो फाइल में न्योचित होगा वही कार्रवाई होगी. किसी का पक्ष नहीं लिया जाएगा. कोर्ट अपना काम कर रही है, सरकार अपना काम करेगी. दोनों में टकराव नहीं है. हम अपनी बात कह रहे हैं कोर्ट का जो अधिकार है वो इस्तेमाल करेगी. सरकार अपना पक्ष रख रही है. संवैधानिक एतबार से आप किसी पर पाबंदी नहीं लगा सकते हैं. ये तो खुद सोचना चाहिए कि हमारी हद क्या है मर्यादा क्या है.'
आजम खान ने कहा, 'पहली बात तो ये है कि हमारे ऊपर एक टिप्पणी नहीं हुई है अगर आप सोशलमीडिया या एफबी पर जाएंगे तो आपको भी डर लगेगा. अगर पढ़े-लिखे लोग हमारे बारे में ऐसी टिप्पणी करेंगे तो नतीजे बहुत अच्छे नहीं आने वाले हैं.'
कांग्रेस के दलित नेताओं के बयान पर आजम खान ने कहा, 'कल कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि कोई दलित नेता नहीं है. कई लाख दलित नेता होना चाहिए. चाहिए पर कोई सरकार नहीं चलती है. चाहिए पर कोई दल नहीं खड़ा होता है कांग्रेस को ऐसा गुमान है कि उसने देश आजाद कराया है उस समय उसका नाम इंडियन नेशनल कांग्रेस हुआ करता था. उसी के नाम बिगड़ते चले गए आज एक लंबे राजनैतिक सफर तय करने के बाद सोनिया गांधी और राहुल जी उसके बड़े नेता हैं. ये बात समझ में नहीं आती है कि लगभग एक सदी के इतिहास के बाद भी कांग्रेस एक भी दलित नेता नहीं तैयार कर सकी. अगर इस बात की कोशिश की होती तो लाखों दलित नेता हों ये कहने की जरूरत नहीं आई होती. दलित, पिछड़े और मुसलमानों को दबाने और बर्बाद करने का श्रेय जाता है तो वो कांग्रेस को.'