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आजम खान के बेटे और पत्नी के खिलाफ जारी हुआ गैर जमानती वारंट, 16 मई की डेडलाइन तय

आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फातिमा के खिलाफ एक मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट में दोनों गैरहाजिर रहे. इसपर कोर्ट ने एक्शन लिया.

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आजम खान (फाइल फोटो)
आजम खान (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अब्दुल्ला आजम सूआर विधानसभा से विधायक हैं
  • आजम खान की जमानत अर्जी पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई

आजम खान के बाद अब उनकी पत्नी और बेटे की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फातिमा के खिलाफ अब गैर-जमानती वारंट जारी कर दिये गए हैं. दरअसल, दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में उनको एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होना था. लेकिन दोनों गैरहाजिर रहे. इसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी कर दिये.

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इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 16 मई निर्धारित की गई है. इस तारीख से पहले दोनों को कोर्ट के सामने पेश होना होगा, वरना उनकी गिरफ्तारी हो सकती है.

बुधवार को अब्दुल्ला आजम और तंजीन फातिमा ने कोर्ट में गैर हाजरी पर माफीनामा पेश किया था, इसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी किया.

यह भी पढ़ें - एक केस में बेल मिलते ही नए केस का इत्तेफाक क्यों? आजम खान पर SC ने पूछा

सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट (एसीजीएम फर्स्ट) रामपुर ने आज क्राइम नंबर 4/19 जो दो जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित मामले पर सुनवाई होनी थी. कोर्ट में आजम खान के बेटे और पत्नी की तरफ से दलील दी गई कि उनके अधिवक्ता जो कि दिल्ली से आते हैं वह नहीं आ सके हैं इसलिए आज जिरह नहीं हो सकती. इस आधार पर उनकी गैरहाजरी पर माफीनामा स्वीकार किया जाए. लेकिन कोर्ट ने ऐसा नहीं किया.

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आजम खान की जमानत याचिका पर भी आज हुई सुनवाई

दूसरी तरफ आज आजम खान की जमानत अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी. फिलहाल मामले को अगले मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस बाबत जवाब भी मांगा है.

जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि आखिर ये कैसा संजोग है कि आजम खान के खिलाफ जब भी अन्तिम मामले में जमानत का आदेश दिया जाता है तभी सरकार या प्रशासन उनके खिलाफ एक नया मामला दाखिल कर देता है. ऐसा लगातार होना कोई संयोग नहीं हो सकता.

वहीं राज्य सरकार के वकील ने कहा कि गलत नीयत या मंशा से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. जैसे ही जांच रिपोर्ट आ जाती है मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है.

समाजवादी पार्टी नेता और यूपी के मंत्री रहे आजम खान की याचिका पर SC की टिप्पणी बहुत अहम मानी जा रही है. क्यों आजम पर एक के बाद एक 89 केस दर्ज किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को हफ्ते भर में हलफनामा दाखिल करने को कह कर सुनवाई मंगलवार, 17 मई के लिए स्थगित कर दी.

 

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