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Azamgarh Lok Sabha Bypoll Result: सपा के गढ़ में Nirahua ने खिलाया कमल, इस मुकाम तक पहुंचने की ऐसी रही है कहानी

Azamgarh Lok Sabha Bypoll: साल 2016 में जब उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार थी, तब निरहुआ को यश भारती सम्मान से नवाजा गया था. आज निरहुआ समाजवादी पार्टी के लिए ही चुनौती बनकर खड़े हो गए हैं. ये हार समाजवादी पार्टी के लिए चिंताजनक है. 

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दिनेश लाल यादव (फाइल फोटो)
दिनेश लाल यादव (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2019 में शिकस्त के बावजूद निरहुआ क्षेत्र से जुड़े रहे
  • निरहुआ आजमगढ़ से 8679 वोटों से जीते हैं 

Azamgarh Lok Sabha Bypoll Result: लोकसभा चुनाव उपचुनाव में आजमगढ़ सीट से बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' (Dinesh Lal Yadav Nirahua) जीत गए हैं. भोजपुरी स्टार निरहुआ ने समाजवादी पार्टी के गढ़ में कमल खिला दिया है. निरहुआ ने सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को पटखनी दी है. अब उनकी जीत से बीजेपी में तीन-तीन सांसद भोजपुरी इंडस्ट्री से हो गए हैं. मनोज तिवारी, रवि किशन के बाद निरहुआ का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ गया है. आज वो जिस सियासी मुकाम पर पहुंचे हैं, उसके पीछे की कहानी कुछ ऐसी रही है...

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निरहुआ ने लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले बीजेपी का दामन थामा था. उन्होंने 27 मार्च 2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में  पार्टी में शामिल हुए. आजमगढ़ से प्रत्याशी घोषित होने से पहले ही निरहुआ ने Y-प्लस सुरक्षा मांगी थी, जिसके बाद उन्हें Y-प्लस सुरक्षा भी दी गई. हालांकि तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वो सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से 2 लाख 59 हजार 874 वोटों से हार गए थे. 

2019 में हार के बाद भी डटे रहे

2019 में शिकस्त के बावजूद निरहुआ क्षेत्र से जुड़े रहे. पैराशूट कैंडिडेट होने के बाद वो आजमगढ़ की जनता के बीच ही रहे. उनके लिए सपा के गढ़ में सेंध लगाना इतना आसान नहीं था क्योंकि इस बार 2022 यूपी विधानसभा चुनावों में एम-वाई समीकरण चला था. इस संसदीय क्षेत्र में यादव और मुस्लिम आबादी अच्छी खासी संख्या है. इसे साधना निरहुआ के बड़ा चैलेंज था. हालांकि बीजेपी ने सिर्फ आजमगढ़ सीट के लिए 40 स्टार प्रचारकों को उतारा था ताकि सपा के गढ़ में सेंध लगाई जा सके. बीजेपी में अपनी रणनीति में कामयाब भी रही और  उपचुनाव में दिनेश लाल यादव (निरहुआ) 8679 वोटों से जीते. 

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बता दें कि साल 2016 में जब उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार थी, तब निरहुआ को यश भारती सम्मान से नवाजा गया था. आज निरहुआ समाजवादी पार्टी के लिए ही चुनौती बनकर खड़े हो गए हैं. ये हार समाजवादी पार्टी के लिए बड़ी चिंताजनक है. 

ऐसी रही है अभिनय की दुनिया

दिनेश लाल यादव का जन्म 2 फरवरी, 1979 को गाजीपुर में हुआ था. कुमार यादव और चंद्रज्योति यादव के बेटे दिनेश को असली पहचान मिली 2007 में आई ‘हो गइल बा प्यार ओढ़निया वाली से’ फिल्म के बाद. इस फिल्म के गाने उस जमाने में यूपी-बिहार और झारखंड के लोगों की जबान पर थे. डेब्यू के 3 वर्षों के भीतर वो भोजपुरी के ‘जुबली स्टार’ बन गए थे. 2018 में आई उनकी मूवी ‘बॉर्डर’ ने 19 करोड़ रुपये कमाए, जो भोजपुरी फिल्मों के लिए एक रिकॉर्ड है. निरहुआ की पॉपुलर फिल्मों की कतार है. जिसके बाद उनके फैन्स के बीच उनको लेकर क्रेज बढ़ता चला गया.

2012 में आई ‘गंगा देवी’ फिल्म में वो अमिताभ बच्चन के साथ भी काम कर चुके हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो मुताबिक स्क्रिप्ट नहीं मिलने की वजह से निरहुआ ने बॉलीवुड फिल्मों में काम नहीं किया. उन्हें कुछ हिंदी फिल्मों के ऑफर मिल थे. हालांकि, निरहुआ ने फिल्में करने से मना कर दिया. दरअसल, निरहुआ को फिल्म की कहानियां पसंद नहीं आई थीं.

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