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बदायूंः जामा मस्जिद की जगह नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा, दूसरे पक्ष ने कही ये बात

बदायूं की जामा मस्जिद की जगह नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया है. वादी की याचिका पर सिविल कोर्ट के न्यायाधीश विजय गुप्ता ने वाद दायर करने की अनुमति दे दी है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 सितंबर को होगी. इसके लिए पुस्तकों के साक्ष्य भी पेश किए गए हैं. वहीं, जामा मस्जिद कमेटी के पक्षकार ने कहा कि हमने एतराज दाखिल कर दिया है.

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जामा मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा किया गया है
जामा मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा किया गया है

अखिल भारत हिंदू महासभा ने यूपी के बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी की जगह नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया है. इतना ही नहीं, इस मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में वाद दायर किया गया है. वादी की याचिका पर सिविल कोर्ट के न्यायाधीश विजय गुप्ता ने वाद दायर करने की अनुमति दे दी है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 सितंबर 2022 की तारीख निर्धारित की गई है. साथ ही सिविल जज सीनियर डिविजन विजय गुप्ता ने शम्सी जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी को भी अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.
 
अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल, अरविंद परमार, ज्ञान प्रकाश, डॉक्टर अनुराग शर्मा और उमेश चंद्र शर्मा ने जामा मस्जिद शम्सी की जगह नीलकंठ मंदिर होने का दावा किया है. वहीं,मुख्य याचिकाकर्ता अरविंद परमार ने बताया कि याचिका में पहले पक्षकार भगवान नीलकंठ महादेव महाराज बनाए गए हैं. साथ ही कोर्ट में दायर याचिका में जामा मस्जिद को राजा महिपाल का किला और नीलकंठ महादेव का मंदिर होने की बात कही गई है.

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याचिका पर शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत ने संज्ञान लिया. याचिका में वादी ने ऐतिहासिक पुस्तकों में मस्जिद के नीलकंठ महादेव मंदिर होने के जिक्र का उल्लेख किया है. वहीं सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तक सूचना डायरी  में दिए गए इतिहास का भी उल्लेख किया है. कहा गया है कि सूचना डायरी नामक किताब में भी इस तथ्य का जिक्र किया गया है.

मंदिर को लेकर कही ये बात

याचिकाकर्ता के वकील वेद प्रकाश शाहू ने बताया कि हिंदू महासभा की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में याचिका दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि यहां मस्जिद नहीं, बल्कि नीलकंठ महादेव का प्राचीन ईशान मंदिर है. इस याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.

इंतजामिया कमेटी के वकील ने कही ये बात
 

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जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की ओर से वकील असरार अहमद ने बताया कि मंदिर से संबंधित कोई कागज या पत्रावली दाखिल नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि हमने एतराज दाखिल कर दिया है. सिविल जज सीनियर डिविजन ने वाद दायर करने की अनुमति दे दी है, लेकिन हमारा पक्ष सुनने के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की है. असरार अहमद ने कहा कि मस्जिद का निर्माण गुलाम वंश के शासक शमसुद्दीन अल्तमश ने कराया था. गजट में मंदिर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि गजट में कहीं भी मंदिर का जिक्र नहीं है. न ही ये जिक्र है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद को बनाया गया था.

'हमने याचिका दायर की'
 

अखिल भारतीय हिंदू महासभा के जिला संयोजक मुकेश पटेल ने बताया कि कुतुबुद्दीन ऐबक के दामाद एलतुत्मिश ने राजा महिपाल का कत्ल कर दिया था. उन्होंने कहा कि नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. यह महादेव का मंदिर है. जिसकी याचिका हमने दायर की थी, जिसे स्वीकार किया गया है. हमें न्याय व्यवस्था पर पूर्ण विश्वास है. उम्मीद है कि अयोध्या और काशी की तरह बदायूं के नीलकंठ महाराज मंदिर को भी न्याय मिलेगा.

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