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बदायूं कांड: 24 जून को बदायूं में शुरू होगा अभियुक्तों का नारको टेस्ट

उत्तर प्रदेश की बदायूं में पिछले महीने दो बहनों की बलात्कार के बाद हत्या करके शव फांसी पर लटकाये जाने के मामले में सोमवार को विशेष अदालत ने प्रकरण की जांच कर रही सीबीआई को 24 से 26 जून के बीच आरोपियों का नारको, ब्रेन मैपिंग तथा पॉलीग्राफी परीक्षण कराये जाने की इजाजत दे दी. साथ ही पीड़ित परिजन का यही टेस्ट कराने के लिये उनकी राय जानने के वास्ते न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिये.

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उत्तर प्रदेश की बदायूं में पिछले महीने दो बहनों की बलात्कार के बाद हत्या करके शव फांसी पर लटकाये जाने के मामले में सोमवार को विशेष अदालत ने प्रकरण की जांच कर रही सीबीआई को 24 से 26 जून के बीच आरोपियों का नारको, ब्रेन मैपिंग तथा पॉलीग्राफी परीक्षण कराये जाने की इजाजत दे दी. साथ ही पीड़ित परिजन का यही टेस्ट कराने के लिये उनकी राय जानने के वास्ते न्यायालय में पेश करने के निर्देश दिये.

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानस्वरूप गुप्ता ने बताया कि मामले के जांच अधिकारी विजय कुमार शुक्ल ने विशेष न्यायालय (पास्को) में अर्जी दाखिल करके मामले के अभियुक्त पप्पू, उर्वेश, अवधेश, बर्खास्त कांस्टेबल सर्वेश तथा हेड कांस्टेबल छत्रपाल का नारको, ब्रेन मैपिंग तथा पॉलीग्राफी टेस्ट 24 से 26 जून तक बदायूं स्थित लोकनिर्माण विभाग के अतिथिगृह में पूर्वाहन 10 से शाम चार बजे तक कराने की इजाजत मांगी.

अदालत ने सीबीआई की अर्जी को मंजूर करते हुए 24 से 26 जून तक बदायूं स्थित लोकनिर्माण विभाग के अतिथिगृह में आरोपियों का नारको और पॉलीग्राफी परीक्षण कराने के आदेश दे दिये. प्रभारी न्यायाधीश (पास्को) एस. एन. त्रिपाठी ने बदायूं के जेल अधीक्षक को आदेश दिये कि वह 24 से 26 जून के बीच आरोपियों को जेल से अतिथिगृह तक लाने और ले जाने का प्रबन्ध करें. दिल्ली से आने वाली सीबीआई की टीम इन आरोपियों का नारको तथा पॉलीग्राफी परीक्षण करेगी. गुप्ता ने बताया कि मामले के विवेचनाधिकारी ने एक और अर्जी दाखिल करके कहा कि पीड़ित परिवार के चार सदस्यों ने अपना नारको और पॉलीग्राफी परीक्षण कराये जाने पर सहमति दे दी है. लेकिन न्यायहित में उन्हें अदालत में पेश करके उनकी राय जान ली जाए. इस पर अदालत ने परिजन को मंगलवार को पेश करने के निर्देश दिये.

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गौरतलब है कि उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सादतगंज क्षेत्र में गत 27 मई की रात शौच के लिए गयी 14 तथा 15 साल की चचेरी बहनों के शव अगले दिन सुबह एक बाग में पेड़ पर फांसी से लटकते पाये गये थे. इस मामले में दो पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। उनमें से पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है. दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिजन को पूरी सुरक्षा तथा पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का एलान किया था, जिसे परिजन ने ठुकरा दिया था. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है.

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