उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में दो चचेरी बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसके बाद उनकी हत्या किए जाने की जघन्य घटना की संयुक्त राष्ट्र के साथ मानवाधिकार संस्थाओं ने निंदा की है. वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इस बीच केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान बदायूं पहुंचे और उन्होंने इस मुद्दे को मंत्रिमंडल में उठाने की बात कही.
संयुक्त राष्ट्र ने घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और पूरे भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने की मांग की है.
भारत में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली की स्थानीय समन्वयक, लीसे ग्रैंडे ने एक बयान में कहा, 'दोनों किशोरियों के परिवारों को और निम्न जाति की सभी महिलाओं और लड़कियों को न्याय मिलना चाहिए, जिन्हें भारत के ग्रामीण इलाकों में निशाना बनाया गया है और उनके साथ दुष्कर्म किया गया है. महिलाओं के खिलाफ हिंसा सिर्फ महिलाओं का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मानवाधिकार का एक मुद्दा है.'
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के मुखिया और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान सोमवार को बदायूं पहुंचे. वह अपने बेटे चिराग पासवान के साथ सीधे दुष्कर्म पीड़िताओं के परिजनों से मिलने कटरा गांव पहुंचे.
पासवान ने कहा कि वह इस मामले को मंत्रिमंडल में उठाएंगे. पासवान ने सूबे की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस जघन्य अपराध के बाद भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बदायूं क्यों नहीं आए?
उन्होंने कहा कि वह सोमवार को होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे.
उधर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की यूपी इकाई ने बदायूं दुष्कर्म व हत्याकांड को लेकर प्रदेश सरकार पर लगातार दबाव बनाते हुए प्रदर्शन किया.
बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष कमलावती सिंह की अगुवाई में राजधानी लखनऊ और आसपास के जिलों की महिला कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव किया.
उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने कहा कि बदायूं कांड में अपराधियों की गिरफ्तारी और मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने के बाद बसपा अध्यक्ष मायावती का बदायूं का दौरा महज एक नौटंकी से अधिक कुछ नहीं है.
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने सोमवार को कहा कि 2007 से 1012 तक बसपा के राज में हत्या, लूट और दुष्कर्म की घटनाएं आम बात थीं. इन घटनाओं में बसपा के मंत्री और विधायक भी शामिल रहते थे. मायावती इन मामलों में कार्यवाही की जगह आरोपियों को बचाने की भूमिका निभाती रही हैं. ठीक इसके विपरीत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बदायूं कांड की जानकारी होते ही सख्त कार्यवाही के आदेश दिए, और अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. घटना की सीबीआई जांच के आदेश दिए गए हैं. इस सबके बाद मायावती के आरोप बेमानी और असंगत हो जाते हैं.
गौरतलब है कि बदायूं जिले के कटरा गांव में दो किशोरियों के साथ दुष्कर्म कर उनकी हत्या कर दी गई और शवों को पेड़ पर लटका दिया गया. पुलिस ने मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की मदद करने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है. राज्य सरकार की तरफ से घटना की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
इस घटना के बाद सियासत तेज हो गई है. शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बदायूं पहुंचे थे. रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती, कांग्रेस नेता मीरा कुमार एवं बदायूं से सांसद धर्मेद्र यादव भी यहां पहुंचे थे. वहीं, बीजेपी और बसपा ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस्तीफे की मांग की है.