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बदायूं गैंगरेप: पीड़ितों के ‘वैजाइनल स्वैब’ की जांच होगी, दोबारा पोस्टमार्टम की उम्‍मीद कम

बदायूं के कटरा सादातगंज में हुए गैंगरेप की पीड़ितों का फिर से पोस्टमार्टम कराने के लिए उनके शव बाहर निकालने में नाकाम रहने पर सीबीआई पीड़ितों के निजी सामानों और ‘वैजाइनल स्वैब’ को डीएनए जांच के लिए हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला में भेजेगी.

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बदायूं के कटरा सादातगंज में हुए गैंगरेप की पीड़ितों का फिर से पोस्टमार्टम कराने के लिए उनके शव बाहर निकालने में नाकाम रहने पर सीबीआई पीड़ितों के निजी सामानों और ‘वैजाइनल स्वैब’ को डीएनए जांच के लिए हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला में भेजेगी. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों के तीन सदस्यीय पैनल के सुझाव पर पीड़ितों के कपड़े और कुछ अन्य निजी सामान परिजनों से एकत्रित किये हैं.

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सूत्रों ने कहा कि स्थानीय डाक्टरों द्वारा एकत्रित किये गये ‘वैजाइनल स्वैब’ भी एजेंसी ने अपने कब्जे में लिए हैं जिसे जल्द ही डीएनए जांच के लिए हैदराबाद की प्रयोगशाला ‘सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स’ में भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि यह केन्द्र जांच एजेंसी को संभवत: एक सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट दे सकता है.

दोबारा पोस्टमार्टम की उम्‍मीद कम
मामले की जांच कर रही सीबीआई को यूपी ब्रिज कॉर्पोरेशन की ओर से मायूसी हाथ लगी है. गंगा के मौजूदा जलस्तर में ब्रिज कॉर्पोरेशन ने दोनों लड़कियों के शव निकालने में असमर्थता जताई है. ऐसे में शवों के दोबारा पोस्टमार्टम की संभावना क्षीण होती दिख रही हैं.

ब्रिज कॉर्पोरेशन की ओर से साफ कर दिया गया है कि गंगा का जलस्तर कम होने तक वह कुछ नहीं कर सकता है. इस बीच, नरौरा, बिजनौर और हरिद्वार बैराज से मिली सूचनाओं से साफ है कि अगले 15 दिन तक यहां वाटर डिस्चार्ज में कोई कमी आने वाली नहीं है. लड़कियों के शव निकालने के लिए जांच एजेंसी ने ब्रिज कॉर्पोरेशन से मदद मांगी थी.

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रविवार दोपहर ब्रिज कॉर्पोरेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर आरके अग्रवाल के नेतृत्व में चार सदस्यों की एक टीम मुआयने के लिए अटैना घाट पहुंची. ब्रिज कॉर्पोरेशन के अधिकारियों की मानें तो गंगा का पानी कब्रों के 54 मीटर आगे तक पहुंच गया है. यही नहीं, कब्रों के ऊपर भी करीब छह फीट पानी बह रहा है. ऐसे में फिलहाल शव निकालना नामुमकिन है.

ब्रिज कार्पोरेशन की टीम ने यहां डैम बनाने और गंगा का बहाव मोड़ने की संभावनाओं को भी तलाशा लेकिन नतीजा सिफर रहा. इस बीच सीबीआई सूत्रों ने कहा कि अब गंगा का जलस्तर कम होने का इंतजार किया जाएगा. जलस्तर घटने के बाद एक बार फिर शव निकालने की कोशिश की जा सकती है. अगर दोबारा पोस्टमार्टम में कामयाबी नहीं मिलती है, तो भी जांच प्रभावित नहीं होगी. घटना का खुलासा करने के लिए जांच एजेंसी पर्याप्‍त सुबूत जुटा चुकी है.

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