बदायूं के मुसाझग पुलिस स्टेशन में दो कांस्टेबल एक 16 साल की लड़की की आबरू को तार तार कर रहे थे और एक 60 साल की बूढ़ी मां गांव वालों से मदद के लिए गुहार लगा रही थी, लेकिन कोई भी उसकी सुनने वाला नहीं था. पीड़ित लड़की दैनिक क्रिया से निवृत्त होने आई घर से बाहर आई थी, जब यूपी पुलिस के दो कांस्टेबल अवनीश यादव और वीरपाल यादव ने उसका अपहरण कर लिया.
घर पर अकेले बैठी पीड़ित की मां ने बताया, 'शाम के लगभग आठ बज रहे थे, मैं उसे ढूंढ़ने गई, लेकिन वह नहीं मिली. मुझे मालूम है उसको कार में उठा ले गए थे. मैं गांव वालों के पास गई और ग्राम प्रधान को इस बार में बताया, लेकिन कुछ नहीं हुआ.' गांव वालों और उसकी मां ने कहा कि दोनों कांस्टेबल अपनी हरकतों के लिए गांव में कुख्यात है. और अक्सर शराब पीने के बाद पीड़ित लड़की के घर के बाहर स्थित पुलिया पर बैठे मिलते थे.
पीड़ित की मां ने कहा, 'मेरी बेटी आधी रात को लौटी और बताया कि उसे गांव के पास उन वहशी दरिंदों ने उतार दिया था, जिन्होंने उसका अपहरण कर रेप किया.'
अगले दिन पीड़ित का परिवार बदायूं सिटी एसपी लल्लन सिंह से मिलने गया. पीड़ित के चाचा ने कहा, 'हमने अपनी शिकायत दी और इंतजार करते रहे. इसके बाद जब कुछ मीडिया वाले आए, तब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया.'
इसके बाद अगले दिन 2 जनवरी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोनों कांस्टेबलों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके बाद पीड़ित लड़की को मेडिकल परीक्षण के लिए बुलाया गया. जिसमें रेप की पुष्टि हुई.
जांच में पुलिस को बाल के गुच्छे, हेयर क्लिप और ज्वैलरी मिली है. माना जा रहा है कि मुसाझग पुलिस स्टेशन कैंपस में वीरपाल के रूम से बरामद चीजें पीड़ित लड़की की है. जांच के दौरान लड़की ने कमरे की पहचान की है, जहां दरिंदों ने रेप किया.
सोमवार को पुलिस ने आरोपी कांस्टेबल अवनीश को बरेली से गिरफ्तार कर लिया, जबकि वीरपाल की तलाश जारी है. माना जा रहा है कि पुलिस डिपार्टमेंट में तैनात उसके दो रिश्तेदार उससे मिले हुए हैं. घटना के दिन पुलिस थाने में तैनात नाइट ऑफिसर सब इंस्पेक्टर और एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है.
स्पेशल टास्क फोर्स वीरपाल की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रही है. बरेली जोन के आईजी विजय सिंह मीणा ने कहा, 'ज्यादा से ज्यादा सबूत जुटाने की कोशिश हो रही है.' उन्होंने कहा, 'दोनों कांस्टेबल कुख्यात हैं, लेकिन एसएचओ और सर्किल ऑफिसर उनकी गतिविधियों के बारे में रिपोर्ट करने में नाकाम रहे. इसलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.'
पीड़ित की मां ने कहा, 'क्लास सात तक पढ़ने वाली पीड़ित ने आर्थिक तंगी के चलते दो साल पहले स्कूल जाना छोड़ दिया. दो कमरों के मकान (जिसमें टॉयलेट नहीं था) में पीड़ित अपने छोटे भाई और मां-बाप के साथ रहती है.'
गांव वालों और उसकी मां ने कहा कि दोनों कांस्टेबल अपनी हरकतों के लिए गांव में कुख्यात है. और अक्सर शराब पीने के बाद पीड़ित लड़की के घर के बाहर स्थित पुलिया पर बैठे मिलते थे.
स्थानीय ग्रामीण सुबोध पाठक ने कहा, 'दोनों कांस्टेबल गांव वालों के साथ मारपीट करते थे, और अक्सर उनका सामान छीन लेते थे. लेकिन कोई भी उनके खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर पाया. दोनों कांस्टेबलों ने गांव में आतंक मचा रखा था.'
डाटागंज पुलिस स्टेशन में तैनात स्टेशन ऑफिसर वीएस सिरोही ने कहा, 'वीरपाल पहले डाटागंज पुलिस स्टेशन में तैनात था, जहां उसके खिलाफ एक रेप का मामला दर्ज हुआ था. यह मामला एक तीन साल की दलित लड़की से रेप का था. बाद में मुसाझग पुलिस में उसका ट्रांसफर कर दिया गया.'