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बजरंग दल के विरोध के बाद हटी विक्टोरिया की मूर्ति

अतिवादी हिंदूवादी संगठन माना जाने वाला बजरंग दल आगरा से अंग्रेजों के  हर निशान मिटाना चाहता है. हाल ही में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने  शहर के मुख्य चौराहे पर लगभग 100 साल पुरानी क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा हटाने के लिए प्रदर्शन किया था.

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अतिवादी हिंदूवादी संगठन माना जाने वाला बजरंग दल आगरा से अंग्रेजों के हर निशान मिटाना चाहता है. हाल ही में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने  शहर के मुख्य चौराहे पर लगभग 100 साल पुरानी क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा हटाने के लिए प्रदर्शन किया था.

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स्थानीय प्रशासन ने चुपके से प्रतिमा को पालीवाल पार्क से हटा कर आगरा नगर निगम की लाइब्रेरी के पास लगवा दिया है. बजरंग दल के प्रदेश सह-संयोजक अजय चौहान ने कहा, 'पालीवाल पार्क आगरा का दिल है. हम यहां गुलामी के किसी भी प्रतीक के सख्त खिलाफ हैं.' गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद से  जुड़े बजरंग दल के नेताओं ने 7 नवंबर को एक मेमोरेंडम भेजा था जिसमें लिखा था कि यह प्रतिमा गुलामी की प्रतीक है और इसे 72 घंटों के अंदर हटा दिया जाना चाहिए.

प्रतिमा की जगह बदलने के सवाल पर जिलाधिकारी पंकज कुमार ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई ऑर्डर नहीं दिया है. उन्होंने लाइब्रेरी में प्रतिमा लगाने के प्रस्ताव पर भी टिप्पणी से इनकार कर दिया है. इस मामले पर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. ब्रज विरासत संरक्षण संस्था के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने कहा,' इस मामले पर बजरंग दल की प्रतिक्रिया से दुखी हूं. अगर बजरंग दल को ब्रिटिश राज की हर निशानी से दिक्कत है तो उन्हें उन सभी सुविधाओं का भी विरोध करना चाहिए जिसे अंग्रेजों ने बनाया था.'

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