प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो के जरिए किसानों से 'मन की बात' की. फसल की बर्बादी और भूमि अधिग्रहण बिल की ओर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. यह भी कहा कि वह किसानों की परेशानी को समझते हैं और उनके दुख को महसूस कर सकते हैं. लेकिन मीठे बोल से पेट नहीं भरता और योजना बनाने मात्र से स्थिति बदल नहीं जाती. क्योंकि पीएम के इस संबोधन के ठीक बाद एक खबर यूपी के बांदा से आती है कि दो किसानों ने फसल की बर्बादी और कर्ज से तंग आकर आत्मदाह करने की कोशिश की है.
समय का खेल देखिए, जो देश कभी किसानों का हुआ करता था या फिर जिसे किसानों का देश कहलाने पर गर्व था, वहां महाराष्ट्र, ओडिशा, बंगाल के बाद अब यूपी से आ रही यह खबर साफ करती है कि जमीनी स्तर पर स्थिति आखिर है कैसी. बहरहाल, जानकारी के मुताबिक घटना जसपुर थाना क्षेत्र के नानादेव गांव की है. दोनों किसान भाई बताए जा रहे हैं और दोनों को अस्पताल में भर्ती किया गया है. दोनों गंभीर रूप से झुलस गए हैं. बताया जाता है कि खेती के लिए उन्होंने 65 हजार रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन मौसम की मार के कारण खेत में चने और मटर की फसल बर्बाद हो गई.
दूसरी ओर, कुछ लोगों का कहना है कि रविवार सुबह छोटे भाई ने निराश होकर आत्मदाह का प्रयास किया, जिसे बचाने पहुंचे बड़े भाई को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया. दोनों को बांदा जिला अस्पताल भर्ती करवाया गया है.