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बाराबंकी में ढहाई गई मस्जिद के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल, हिरासत में कार्यकर्ता

सपा के बाद इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी घटना स्थल के लिए रवाना हुआ था. कोशिश की गई थी कि वहां पर जा कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. लेकिन स्थिति की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने कांग्रेस प्रतिनिधिडल के काफिले को घटनास्थल से पहले ही रोक लिया.

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ढहाई गई मस्जिद के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल
ढहाई गई मस्जिद के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाराबंकी में ढहाई गई मस्जिद पर विवाद
  • कांग्रेस की मांग- फिर हो मस्जिद का निर्माण
  • सपा ने बताई बीजेपी की सांप्रदायिक राजनीति

यूपी के बाराबंकी जिले में ढहाई गई सैकड़ों बरस पुरानी मस्जिद को लेकर सियासत जोरों पर है और इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है. अब गुरुवार को सपा-कांग्रेस, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Aimplb) ने उस घटना का विरोध किया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है. कांग्रेस की तरफ से इसे प्रशासन का तानाशाही फैसला बताया गया है.

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कांग्रेस की मांग- फिर हो मस्जिद का निर्माण

सपा के बाद इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधिमंडल भी घटना स्थल के लिए रवाना हुआ था. कोशिश की गई थी कि वहां पर जा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. लेकिन स्थिति की गंभीरता को समझते हुए पुलिस ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के काफिले को घटनास्थल से पहले ही रोक लिया और बाद में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पी.एल पुनिया, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, समेत अन्य नेताओं को हिरासत में लिया.

मामले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का कहना है कि सरकार तानाशाही रवैये को अपनाने का कार्य कर रही है. प्रशासन ने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. सौ वर्ष पुरानी मस्जिद को अधिकारियों ने गैरकानूनी तरीके से तोड़ दिया. तीस तारीख तक के स्टे के बावजूद भी इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी सदन से लेकर सड़क तक विरोध करेगी जबतक वहां मस्जिद का निर्माण ना हो जाए और, लोगों को न्याय नही मिल जाए.

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क्लिक करें- यूपी: 100 साल पुरानी मस्जिद ढहाने पर बवाल, अखिलेश यादव बोले- BJP की सांप्रदायिक राजनीति 

सपा का आरोप-बीजेपी कर रही सांप्रदायिक राजनीति

वहीं समाजवादी पार्टी की बात करें तो उन्होंने तो काफी पहले ही इस मुद्दे के जरिए बीजेपी पर हमला शुरू कर दिया था. अखिलेश यादव की तरफ से इसे बीजेपी की सांप्रदायिक राजनीति बताया गया था और कहा गया था कि 2022 के चुनाव को देखते हुए ये सब किया जा रहा है. उनकी तरफ से एक 9 सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई थी जिसे इस मुद्दे पर पूरी जानकारी इकट्ठी करनी थी.

अब गुरुवार को उस प्रतिनिधिमंडल की तरफ से बाराबंकी डीएम को ज्ञापन सौप कर मस्जिद बनाने की मांग की गई है और मामले में उच्चस्तरीय जांच करा दोषी अफसरों पर कार्रवाई की अपील हुई है. पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप ने बताया की 100 वर्ष पुरानी मस्जिद को गिराने पर आम जनमानस में रोष है. कोविड काल मे ये मस्जिद जिसके इशारे पर गिराई गई उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. 

गौरतलब है कि अयोध्या लोकसभा क्षेत्र में रामसनेहीघाट तहसील परिसर में एसडीएम आवास के सामने बनी मस्जिद को हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने 17 मई को भारी फोर्स के साथ तुड़वा कर मलबा साफ करा दिया गया था .  

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