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BJP! यूपी विधानसभा चुनाव में CM पद का उम्‍मीदवार जनता को मत बताना

1974 में जब अटल बिहारी वाजपेयी (जनसंघ) को सीएम पद का उम्‍मीदवार बताकर चुनाव मैदान में उतारा गया तब सीटें घटकर 61 हो गईं.

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बीजेपी सीएम उम्मीदवार को लेकर लगातार दुविधा में है
बीजेपी सीएम उम्मीदवार को लेकर लगातार दुविधा में है

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इतिहास बताता है कि जब-जब बीजेपी ने उत्‍तर प्रदेश में चुनाव के पहले अपना सीएम उम्‍मीदवार उतारा है तब-तब वो औंधे मुंह गिरी है. भगवा पार्टी के मुख्‍यमंत्री उम्‍मीदवार यूपी की जनता ने हमेशा नकारे हैं. फिलहाल यह बात हम नहीं पिछले पचास साल के ये आंकड़े तो यही कर रहे हैं....

1. वर्ष 2012 में उमा भारती, जो सीएम पद की अघोषित उम्‍मीदवार थीं, उनकी सीटें 57 से घटकर 47 हो गई थीं.

2. वर्ष 2007 में जब कल्‍याण सिंह सीएम पद के उम्‍मीदवार थे, तब सीटें 88 से घटकर 51 हो गई थीं.

3. राजनाथ सिंह को साल 2002 में जब सीएम पद का बीजेपी ने उम्‍मीदवार बनाया था तब सीटें 174 से घटकर 88 पहुंच गईं.

4. 1996 में कल्‍याण सिंह को बीजेपी ने जब बतौर सीएम उतारा तब सीटें 221 से घटकर 177 हो गईं.

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5. 1991 में सीएम पद का कोई चेहरा बीजेपी की ओर से नहीं प्रोजेक्‍ट नहीं किया गया तब 221 सीटें मिलीं.

6. 1974 में जब अटल बिहारी वाजपेयी (जनसंघ) को सीएम पद का उम्‍मीदवार बताकर चुनाव मैदान में उतारा गया तब सीटें घटकर 61 हो गईं.

7. 1967 में जनसंघ के समय 98 सीटें जीतकर लंबी छलांग मारी गई.

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