उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में भीड़ द्वारा पुलिसवालों पर हमला और उसमें एक कांस्टेबल की मौत के अलावा प्रयागराज के सांसद श्याम चरण गुप्ता के बड़े भाई के पोते को दिनदहाड़े गोली मारने की घटना के बाद से योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं. गाजीपुर में पुलिस कांस्टेबल की हत्या को लेकर विपक्ष भारतीय जनता पार्टी पर (Bharatiya Janata Party) लगातार हमला बोल रहा है.
इस बीच सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर प्रयागराज से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के सांसद श्यामाचरण गुप्त (Shyama Charan Gupta) ने आजतक से खास बातचीत की. उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश बहुत बड़ा है और आबादी ज्यादा होने के कारण थोड़ी बहुत असावधानी हो जाती है. सूबे में जरूरत के मुताबिक पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी नहीं हैं. पुलिसकर्मी कम होने से क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ा हुआ है. एक जिम्मेदार अधिकारी के जिम्मे ज्यादा से ज्यादा काम है.
श्याम चरण गुप्ता ने कहा, 'अगर देखा जाए, तो उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बहुत खराब नहीं है. कानून व्यवस्था तो पहले भी ऐसा ही था और आज भी वैसा ही है. मैं मीडिया द्वारा कानून व्यवस्था पर इतना ज्यादा कीचड़ उछालना उचित नहीं मानता हूं. मैं समझता हूं कि बुलंदशहर में जो हुआ, वो सुनियोजित घटना थी या तो वास्तव में उसमें कोई गड़बड़ी थी. यह भी हो सकता है कि राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत बुलंदशहर में इंस्पेक्टर की हत्या को अंजाम दिया गया हो. सरकार को बदनाम करने-कराने के लिए कुछ लोग योजना बनाया करते हैं.'
उन्होंने कहा, 'गाजीपुर में लोग आंदोलन और पथराव कर रहे थे. पत्थर के सामने कोई भी आएगा, तो घायल हो ही जाएगा. हर जगह जिम्मेदारी सरकार की बनती है. सरकार को जिम्मेदारी लेनी भी चाहिए और कानून व्यवस्था में पूरा कंट्रोल करना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयास किया है, लेकिन चुनाव का समय है. विरोधी लोग भी जानबूझकर ज्यादा बोलते हैं और घटनाएं करवाते हैं. ऐसी घटनाओं का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ता है. कानून व्यवस्था इसलिए खराब हो रही है, क्योंकि सरकार को बदनाम करने के लिए चुनाव लड़ने वाली पार्टियां ऐसा करती हैं.
बीजेपी सांसद ने कहा, 'राजनीतिक पार्टियां सरकार बदनाम करने की कोशिश करती हैं, ताकि उसका वोट घट जाए. छोटी-मोटी घटनाएं पहले भी होती रही हैं और आज भी हो जाती हैं. पहले भी चोट लग जाती थी और जेब कट जाते थे. इतना बड़ा यह प्रदेश है कि हर जिले की अपनी-अपनी समस्याएं हैं. पहाड़ी इलाकों में पानी की दिक्कत है. कहीं सिंचाई की दिक्कत है, तो कहीं जानवर खेत चर जा रहे हैं. सूबे में समस्याएं अभी भी हैं. ऐसे में जनता जब सवाल पूछेगी, तो हम उन्हें बताएंगे, जो हमने किया है. साथ ही जो नहीं किया है, उसको स्वीकार करेंगे.