सहारनपुर में जातीय संघर्ष के बाद सुर्खियों में आए भीम आर्मी के प्रमुख दलित नेता चंद्रशेखर 'आजाद' उर्फ 'रावण' ने जेल से बाहर आते ही अपने नाम से 'रावण' शब्द को हटा दिया है. चंद्रशेखर ने कहा कि मेरे नाम के साथ रावण लिखने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर 'रावण' के नाम से ज्यादा चर्चित हैं और इसी नाम से लोगों के बीच लोकप्रिय रहे हैं. ब्राह्मणवाद के खिलाफ इस नाम का इस्तेमाल चंद्रशेखर ने दलित आंदोलन के दौरान बखूबी किया.
बता दें कि 'रावण' शब्द का नाम उनके समर्थकों ने विद्रोह के प्रतीक के तौर पर चंद्रशेखर के साथ जोड़े रखा था.
हाल ही में 16 महीने के बाद चंद्रशेखर जेल से बाहर आए हैं. उन्होंने जेल से बाहर आते ही अपने नाम के आगे से 'रावण' शब्द हटा दिया है.
मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि आगे से उनके नाम के साथ 'रावण' नहीं जोड़ा जाए. इसके बावजूद अगर किसी ने 'रावण' लिखा तो उस पर वह कानूनी कार्रवाई करेंगे.
चंद्रशेखर के मुताबिक 'रावण' शब्द कहीं उनके नाम में नहीं है. स्कूल से लेकर कॉलेज तक के सभी सर्टिफिकेट में सिर्फ चंद्रशेखर नाम है. आंदोलन के दौरान साथियों ने इसमें 'आजाद' जोड़ा तो ठाकुरों और ब्राह्मणवाद के खिलाफ लड़ाई में प्रतीक के तौर पर 'रावण' भी जोड़ दिया. लेकिन अब चंद्रशेखर को 'रावण' नाम से परहेज कर रहे हैं. इसका मतलब साफ है अब वह एक्टिविस्ट मोड से ज्यादा चुनावी मोड में दिखाई दे रहे हैं.