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आधुनिक चिकित्सा पद्धति यानी एलोपैथी पर योगगुरू रामदेव की ओर से उठाए गए सवाल के चलते बखेड़ा खत्म हुआ ही नहीं था कि अब रामदेव की ओर से ज्योतिष पर उंगली उठाने से ज्योतिष शास्त्र से जुड़े ज्ञाताओं में आक्रोश उफन पड़ा है. एशिया के सबसे बड़े आवासीय विवि काशी हिंदू विवि के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के ज्योतिष विभाग के टीचर बाबा रामदेव के बयान से तिलमिला उठें हैं.
उन्होंने बाकायदा अपने विभाग में मीडिया से मुखातिब होते हुए योगगुरू रामदेव पर कई आरोप लगाते हुए जेल भेजने तक की मांग सरकार से कर दी और अपने संस्कृत के किसी नए छात्र के साथ ही शास्त्रार्थ की भी चुनौती रामदेव को दे दी है.
बाबा रामदेव की प्रसिद्धि और प्रशंसकों के बीच अब विवादित बयानों की वजह से उनके विरोधी भी बढ़ते जा रहे हैं. अभी एलोपैथी पर उंगली उठाने के बाद रामदेव को लेकर विरोध थमा नहीं था कि अब रामदेव की ओर से ज्योतिष को लेकर टिप्पणी कि सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं. ज्योतिषी, काल, घड़ी, मुहूर्त के नाम पर बहकाते रहते हैं, पर ज्योतिष शास्त्रियों में गजब का आक्रोश उमड़ पड़ा है और इसका विरोध करने खुद बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के ज्योतिष विभाग के विद्वान मुखर होकर सामने आ चुके हैं.
इस बारे में विभागाध्यक्ष प्रो. विनय पांडेय ने कहा कि स्वामी रामदेव ने ज्योतिष के ऊपर आरोप लगाया है और ऐसा पहली बार नहीं है. पहले भी वह ज्योतिष शास्त्र को झूठ और पाखंड बताते रहें हैं और ऐसा वही व्यक्ति कर सकता है जिसको इस विषय का कुछ भी ज्ञान न हो और जिसको अपनी वास्तविकता से सरोकार न हो.
उन्होंने कहा कि क्योंकि बाबा रामदेव प्रत्येक कुंभ में शिविर लगाते हैं. उनसे पूछा जाए, कि अगर ज्योतिष को हटा दिया जाए तो कुंभ का निर्धारण कौन करेगा? एकादशी के व्रत को कौन बताएगा? रामदेव गीता, वेद, पुराण, शास्त्र पढ़ने का दावा करते हैं. क्या रामदेव यह सब पढ़कर सर्वज्ञानी हो गए है? और तो और आधुनिक चिकित्सा पद्धति को भी पढ़ चुके हैं. क्योंकि उसके ऊपर भी आरोप लगाते हैं.
प्रोफेसर ने कहा कि दुनिया के सभी विषयों में से जिनको रामदेव ने पढ़ लिया है, उसी को समझते है. बाकि सभी को वे पाखंड बताते हैं. BHU की कक्षा में नया प्रवेश लेने वाले से भी रामदेव शास्त्रार्थ नहीं कर सकते. क्योंकि रामदेव को ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान नहीं है. अगर ऐसा है तो खुले तौर पर मैं रामदेव को अपने यहां किसी भी नवप्रवेशी छात्र के साथ ज्योतिष के विषय में शास्त्रार्थ की चुनौती देता हूं.
वहीं ज्योतिष विभाग के ही असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुभाष पांडेय ने बताया कि रामदेव ने ज्योतिष शास्त्र को बगैर पढ़े ही उंगली उठाई है, यह केवल मानव समाज को ही नहीं, बल्कि ज्योतिष शास्त्र के 18 ऋषि- महर्षि उन लोगों के ऊपर भी उठाया है. जिनको काल के विभाजन तक का पता नहीं, उसी काल के अधीन होकर मुहूर्त शास्त्र बनाया जाता है.
जिससे धर्म, पर्व, कृषि, शुभ-अशुभ तक का निर्धारण काल करता है. ऐसा आदमी जो कुछ नहीं जानता है, हमारे शास्त्र के ऊपर अनर्गल प्रलाप करता है, इसपर मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि कार्रवाई होनी चाहिए. रामदेव माफी योग्य नहीं हैं. क्योंकि यह हर महीने माफी मांगते हैं और यह भावनाओं को भड़काने और व्यापार करने का काम करते हैं. ऐसे व्यक्ति के धंधे का लाइसेंस रद्द होना चाहिए और उसे कारागार में भेजना चाहिए.
उन्होंने कहा कि रामदेव का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. क्योंकि उन्हें अवसाद की बीमारी है और रोग का निर्धारण ज्योतिष शास्त्र ग्रहों के अनुसार करता है. आयुर्वेद तो केवल औषधि देता है. BHU का ज्योतिष रामदेव को चुनौती देता है कि जन्मांक देखकर रामदेव बता दें कि किसको कब और कौन सा रोग होगा? क्योंकि यह सिर्फ ज्योतिष शास्त्र ही बता सकता है. रामदेव को इसका ज्ञान नहीं है. वह केवल व्यापार बढ़ाने के लिए ऋषियों द्वारा बनाए गए शास्त्र की निंदा कर रहे हैं.