राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर साधु-संतों ने अपनी मुहिम शुरू कर दी है. नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी के साथ ही अयोध्या में साधु-संत मंदिर निर्माण को लेकर मोर्चा खोलने जा रहे हैं. आज यानी सोमवार को अयोध्या में संतों की एक बड़ी बैठक होने वाली है. मणिराम दास छावनी में होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास करेंगे.
रामदास छावनी के महंत नृत्य गोपालदास के जन्मोत्सव पर होने वाले एक हफ्ते का कार्यक्रम आज से अयोध्या में शुरू हो रहा है. 7 जून से 15 जून तक न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के जन्मोत्सव पर राम मंदिर निर्माण पर महत्वपूर्ण चर्चा होगी. इस बैठक के जरिए साधु-संत राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे.
अयोध्या में संतों की बड़ी बैठक
आज होने वाली इस बैठक में संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास, रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ रामविलास दास वेदांती, रामवल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास, दशरथ महल के बिंदुगद्दाचार्य, रंगमहल के महंत रामशरण दास, लक्ष्मणकिलाधीश महंत मैथिली शरण दास, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास शामिल होंगे. इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय, केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह समेत कई नेता भी शामिल होंगे.
स्वामी ने पीएम मोदी को लिखी थी चिट्ठी
इससे पहले बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी से अनुरोध किया था कि वह राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में भूमि आवंटन करें और रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करें. मोदी को लिखे एक खत में स्वामी ने कहा कि सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिये जमीन आवंटन के लिए सुप्रीम कोर्ट से इजाजत लेने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहराव सरकार ने 1993 में इसे अधिग्रहित कर लिया था.
शंकराचार्य ने बीजेपी को याद दिलाया वादा
स्वामी के अलावा द्वारका-शारदापीठ एवं ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती ने फिर से नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद उसे पिछला वादा याद दिलाते हुए कहा कि अब इस सरकार को अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर की स्थापना करने का वादा जरूर पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी के राम आदर्श महापुरुष हैं, जबकि हमारे राम आराध्य राम हैं. इसलिए संत चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण होना चाहिए.