यूपी के बिकरू कांड में आरोपी बनाई गईं खुशी दुबे (Khushi Dubey) की जमानत याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान खुशी के वकील विवेक तन्खा ने बताया कि गिरफ्तारी के वक्त वो नाबालिग थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार (UP Government) को नोटिस जारी कर दिया है.
खुशी दुबे गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) के खास गुर्गे अमर दुबे (Amar Dubey) की पत्नी है. खुशी दुबे बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई हैं और इस मामले में काफी लंबे वक्त से जेल में हैं.
वकील ने कोर्ट में कहा- वो छोटी बच्ची है
बुधवार को जब खुशी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो उनके वकील विवेक तन्खा ने कोर्ट को बताया कि जिस वक्त खुशी को गिरफ्तार किया गया था, उस वक्त उसकी उम्र 17 साल और 10 महीने थी. खुशी की शादी को 7 दिन ही हुए थे. वकील ने कहा कि खुशी के पिता उसे घर ले जाना चाहते हैं, लेकिन एक साल से ज्यादा समय से वो नारी निकेतन में है.
विवेक तन्खा ने कहा, वो छोटी बच्ची है. उसकी शादी को एक हफ्ता भी नहीं हुआ था. उसे इस आरोप में गिरफ्तार किया गया कि उसने अपने पति (अमर दुबे) को 'उकसाया' था. उसके खिलाफ फ्रॉड और चीटिंग का केस भी दर्ज कर लिया गया, क्योंकि वो अपनी मां के नाम का सिम इस्तेमाल कर रही थी. ये क्या है? वो एक नाबालिग है.
तन्खा ने ये भी दावा किया कि खुशी को गिरफ्तार करने के बाद सरकार ने उसके खिलाफ चार महीने बाद और दूसरे मामले भी दर्ज कर लिए थे. तन्खा ने कहा कि उसके पिता पेंटर हैं और उसका इस सबसे कोई लेना-देना नहीं है.
नाबालिग की शादी पर कोर्ट ने फटकारा
सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे की जमानत को लेकर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा कि उसके पति और उसके परिवार को गिरफ्तार करना चाहिए था, क्योंकि वो नाबालिग है और उसकी शादी नहीं हो सकती थी.
क्या है बिकरू कांड?
कानपुर जिले का बिकरू गांव, उस वक्त चर्चा में आया था जब गैंगस्टर विकास दुबे ने 2 जुलाई 2020 की रात अपने साथियों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. हत्या के बाद यूपी एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर विकास दुबे और उसके 5 सहयोगियों को अलग-अलग एनकाउंटर में ढेर कर दिया था.