उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में बायोमेट्रिक नामांकन का शुभारंभ किया और कहा कि इस कार्य में लगे लोगों को अच्छी तरह प्रशिक्षित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एनपीआर के द्वितीय चरण में पांच वर्ष तथा उससे अधिक आयु के सामान्य रूप से निवास करने वाले सभी व्यक्तियों के बायोमेट्रिक नामांकन (फोटोग्राफ, उंगलियों के निशान एवं आंखों की पुतलियों की छवि) का कार्य किया जाएगा.
मुख्यमंत्री अखिलेश ने यहां मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर अपना और अपने परिवार का बायोमेट्रिक नामांकन कराने के बाद इस कार्य में लगे लोगों से कहा कि सभी संबंधित व्यक्तियों को एक विशिष्ट पहचान संख्या (आधार संख्या) प्रदान करने से देश एवं प्रदेश के लिए कल्याणकारी योजना बनाने एवं सुरक्षा व्यवस्था सुधारने में मदद मिलेगी. इसके अलावा बायोमेट्रिक नामांकन सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों को पात्रों तक पहुंचाने में उपयोगी साबित होगा.
अखिलेश ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इस राष्ट्रीय महत्व के कार्य में लगे सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ सहयोग करते हुए अपने क्षेत्रों में स्थापित बायोमेट्रिक कैम्प में जाकर अपने तथा अपने परिवार के सदस्यों की आवश्यक जानकारी एवं फोटोग्राफ दर्ज कराएं.
गौरतलब है कि देश व प्रदेश की सुरक्षा को सुदृढ़ करने और सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों के लाभों और सेवाओं को बेहतर करने के लिए व्यापक पहचान डाटाबेस तैयार किया जा रहा है, जिसे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) नाम दिया गया है. इसे स्थानीय (ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम स्तर पर और शहरी क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर), तहसील, नगर, जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाएगा.
प्रदेश में भारत की जनगणना 2011 के प्रथम चरण के दौरान (16 मई से 30 जून, 2010 की अविध) प्रगणकों ने घर-घर जाकर सभी परिवारों व व्यक्तियों के संबंध में विशिष्ट प्रकार की सूचनाएं एकत्र कर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में दर्ज की थीं. द्वितीय चरण में मंगलवार से प्रदेश में बायोमेट्रिक नामांकन एनपीआर में दर्ज करने की शुरुआत की गई है.