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UP के बिसाहड़ा में BJP नेताओं का विरोध, अखलाक की हत्या के बाद चर्चा में आया था गांव

बीजेपी सरकार के 4 साल पूरे होने पर मोहित बेनीवाल को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और जेवर में 3 जन सभाएं करनी थी. नोएडा में जनसभा करने के बाद बेनीवाल सैकड़ों समर्थकों के साथ बिसाहड़ा गांव पहुंचे. लेकिन मंच पर पहुंचते ही ग्रामीणों ने उनका विरोध शुरू कर दिया.

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बीजेपी नेता के खिलाफ हुई नारेबाजी (फोटो- आजतक)
बीजेपी नेता के खिलाफ हुई नारेबाजी (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिसाहड़ा गांव में बीजेपी नेताओं का जमकर हुआ विरोध
  • 2015 में अखलाक की हत्या के बाद चर्चा में आया था गांव

मोहम्मद अखलाक हत्याकांड के लिए सुर्खियों में रहा बिसाहड़ा गांव में बीजेपी नेताओं का जमकर विरोध हुआ. दरअसल भारतीय जनता पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मोहित बेनीवाल को ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में एक सभा को संबोधित करना था लेकिन मोहित बेनीवाल जब गांव पहुंचे तो लोगों ने उनका जमकर विरोध किया. यहां बीजेपी नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. काफी मशक्कत के बाद ही ग्रामीणों को समझाया बुझाया जा सका. 

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बीजेपी सरकार के 4 साल पूरे होने पर मोहित बेनीवाल को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और जेवर में 3 जन सभाएं करनी थी. नोएडा में जनसभा करने के बाद बेनीवाल सैकड़ों समर्थकों के साथ बिसाहड़ा गांव पहुंचे. लेकिन मंच पर पहुंचते ही ग्रामीणों ने उनका विरोध शुरू कर दिया. गांव के युवक बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. तमाम लोग जनसभा को छोड़कर जाने लगे लेकिन स्थानीय बीजेपी नेताओं ने लोगों को समझाया बुझाया और उसके बाद किसी तरह जनसभा हो सकी. 

दरअसल गांव के लोग सरकार से बेहद नाराज हैं. करीब 3 महीने पहले गौतम बुद्ध नगर में दनकौर ब्लॉक को खत्म कर दिया गया है. अब यहां सिर्फ तीन पंचायत क्षेत्र यानी दादरी बिसरख और जेवर हैं. इनका परिसीमन करते वक्त दादरी ब्लॉक के गांव को निकालकर बिसरख ब्लॉक में शामिल कर दिया गया है. यह गांव ठाकुर बहुल है.

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ग्रामीणों का आरोप है कि इसके पीछे ठाकुर समाज की राजनीति शक्ति को कम करने की साजिश है. नाराज़गी की दूसरी वजह भी बताई गई कि नए परिसीमन के हिसाब से जिला पंचायत के वार्ड नंबर 1 को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है. जिसको लेकर लोगों में नाराजगी है. 

दादरी क्षेत्र का बिसाहड़ा वही गांव है जो 2015 में मोहम्मद अखलाक नाम के व्यक्ति की हत्या के मामले में सुर्खियों में आया था. 28 सितंबर 2015 को भीड़ ने हमला कर 52 वर्षीय मोहम्मद अखलाक की हत्या कर दी थी. उस पर गौवंश का मांस रखने का आरोप था.

 

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