बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष बुधवार दोपहर पार्टी और संगठन का फीडबैक लेने के बाद दिल्ली लौट गए लेकिन अपने इस दौरे में बीएल संतोष ने कई ऐसी मीटिंग की, जिसने कई अटकलों को भी जन्म दिया. चार सालों में यह पहला मौका है जब कई मंत्रियों को बुलाकर बारी-बारी से फीडबैक लिया गया.
पहले दिन 7 मंत्रियों ने बीएल संतोष से मुलाकात की थी जिसमें सुरेश खन्ना, जय प्रताप सिंह, दारा सिंह चौहान, महेंद्र सिंह, बृजेश पाठक सहित 7 लोग जबकि शाम को बीएल संतोष ने प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ डिनर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. यह मुलाकात करीब ढाई घंटे चली थी.
वहीं, दूसरे दिन मिलने वालों में केशव प्रसाद मौर्य, श्रीकांत शर्मा, स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे बड़े कद्दावर नेता रहे और यह फीडबैक बिल्कुल अकेले में लिया गया. तीसरे दिन यानी बुधवार को जो मीटिंग हुई, उसमें सिद्धार्थ नाथ सिंह, मोहसिन रजा, स्वाति सिंह सरीखे नेताओं ने मुलाकात की है. चर्चा यह भी है कि बीएल संतोष ने संघ के लोगों से भी मुलाकात कर उनसे फीडबैक लिया है.
सरकार और संगठन के बारे में फीडबैक
बीएल संतोष से मिलने वाले नेताओं ने मीडिया में चल रहे सभी अटकलों को खारिज किया लेकिन एक बात साफ है कि फीडबैक अकेले में लिया जा रहा है. यह फीडबैक सरकार और संगठन दोनों के बारे में है. बीजेपी के बड़े नेता इस बात को खारिज करते रहे कि बदलाव की किसी संभावनाओं को टटोलने बीएल संतोष आए थे. किसी ने इसे रूटीन बैठक कहा तो किसी ने 2022 की तैयारियों को लेकर संगठन की बैठक बताया.
डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कुछ बातें कह कर यह साफ कर दिया कि यह पूरी कवायद कहीं ना कहीं 2022 चुनाव से जुड़ी है. केशव मौर्य ने प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव की संभावना को खारिज करते हुए यह कहा कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में ही चुनाव में जाएंगे. साथ ही 2017 का प्रदर्शन दोहराएंगे यानी 300 से ज्यादा सीटें जीतेंगे.
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बहरहाल, 3 दिनों की यह मीटिंग इसलिए भी खास रही क्योंकि बीजेपी आलाकमान ने सभी को सुना, शिकायतें सुनीं. तारीफ सुनीं, और अपनी रिपोर्ट लेकर दिल्ली गए लेकिन उन अटकलों का क्या, 79 संभावनाओं का क्या जो पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश की सियासी फिजाओं में तैर रही है यानी बदलाव परिवर्तन की बात.
एके शर्मा को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा
सबसे ज्यादा एके शर्मा को लेकर चर्चा है कि क्या एके शर्मा को योगी मंत्रिमंडल में कोई अहम जिम्मेदारी दी जाएगी. सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ और एके शर्मा के बीच केमिस्ट्री सहज नहीं है और ऐसे में योगी एके शर्मा के एंट्री को लेकर नाराज भी हैं और नहीं चाहते हैं कि उनकी एंट्री ऐसे पद पर हो जहां से यह संदेश जाए कि सरकार में दो पावर सेंटर हैं.
सोमवार की शाम बीएल संतोष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने डिनर पर 5 कालिदास मार्ग गए थे जहां पर क्या चर्चा हुई इसकी जानकारी किसी को नहीं है, हालांकि इस मीटिंग में सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी थे.
मीडिया और सोशल मीडिया पर चर्चा है कि एके शर्मा को हाईकमान योगी मंत्रिमंडल में एक अहम पद देना चाहता है लेकिन योगी आदित्यनाथ इसके लिए तैयार नहीं है. फिलहाल सभी चर्चाएं एक ओर इशारा कर रही हैं कि आने वाले कुछ दिनों में एक छोटा मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है और एके शर्मा उस मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं लेकिन इसकी पुष्टि फिलहाल नहीं हो पा रही है.
हालांकि करीब हफ्ते भर पहले एके शर्मा नई दिल्ली से आकर योगी आदित्यनाथ से करीब घंटे भर की मुलाकात 5 कालिदास मार्ग में की थी लेकिन उसके पहले बनारस में एके शर्मा काफी सक्रिय रहे और बनारस मॉडल की तारीफ खुद प्रधानमंत्री ने कोरोना को लेकर की थी.
अध्यक्ष पद पर केशव मौर्य को लाना चाहती है बीजेपी!
दूसरी चर्चा जो सबसे ज्यादा है वह यह कि बीजेपी अध्यक्ष पद पर केशव मौर्य को लाना चाहती है ताकि 2022 में ओबीसी चेहरे के तौर पर पार्टी यह दिखा सके कि वह आज भी ओबीसी की पार्टी है.
यह चर्चा इसलिए तेज है क्योंकि 2022 के चुनाव में बीजेपी को एक बार फिर ओबीसी चेहरे पर दांव आजमाने की नौबत आ रही है क्योंकि पंचायत चुनाव में बीजेपी बुरी तरीके से पिछड़ चुकी है. हालांकि इस संभावनाओं को केशव मौर्य खुद ही नकार रहे हैं.
कहा यह जा रहा है कि एके शर्मा मंत्रिमंडल में लाए जाएंगे. वहीं, केशव मौर्य को डिप्टी सीएम के साथ अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी चुनाव तक के लिए दी जा सकती है.
हालांकि इसमें अटकलें ज्यादा है क्योंकि बीएल संतोष से मुलाकात के बाद खुद केशव मौर्य ने इन संभावनाओं को खारिज किया और कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में बीजेपी न सिर्फ अच्छा करेगी बल्कि 2017 के प्रदर्शन को दोहराएंगे और 300 से ज्यादा सीट लाएगी.
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दूसरी तरफ यह भी माना जा रहा है कि अकेले में मंत्रियों ने अफसरशाही को लेकर संगठन तक सीधे बात पहुंचाई है और सरकार में उनकी नहीं चलने की शिकायत सीधे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव से की है. बीएल संतोष दोपहर बाद पूरी रिपोर्ट के साथ दिल्ली रवाना हो गए. जून के दूसरे-तीसरे हफ्ते में उत्तर प्रदेश में बदलाव की उम्मीद की जा रही है लेकिन यह बदलाव मंत्रिमंडल में फेरबदल और अध्यक्ष पद को लेकर ही अटकलों के तौर पर है.