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पासपोर्ट की दोबारा जांच पर बोले BJP नेता- आतंकवाद का अड्डा है देवबंद

यूपी एटीएस द्वारा देवबंद से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल्ला से पासपोर्ट बरामद हुआ था जो देवबंद में बना था. ऐसे में यह भी आशंका जताई जा रही थी कि कहीं देवबंद में अवैध तरीके से बांग्लादेशी नागरिक या बाहरी तत्व तो नहीं रह रहे हैं जिनका संबंध आतंकवादियों के साथ हो.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा देवबंद में 2001 से लेकर 2017 के दरमियान बने सभी पासपोर्ट के दोबारा वेरीफिकेशन के मामले ने तूल पकड़ लिया है. कई स्थानीय लोग जहां इस कदम को सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण मानते हैं वहीं देवबंद में कई लोग इस मुहिम के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और इससे अनायास परेशान करने वाला कदम बता रहे हैं. पुलिस द्वारा देवबंद में की जाने वाली इस मुहिम को लेकर देवबंद के बीजेपी नगर अध्यक्ष ने एक बड़ा बयान देते हुए यहां तक कह दिया कि देवबंद आतंकवाद का अड्डा है.

'आज तक' से बातचीत में देवबंद में बीजेपी के स्थानीय नेता गजराज राणा ने कह दिया कि देवबंद विशेषकर आतंकियों का अड्डा बन गया है और पिछली सरकार के दौरान बांग्लादेशी और पाकिस्तानियों के पासपोर्ट यहां बना दिए गए. बीजेपी के नेता का कहना है कि 2014 से ही उन्होंने मांग की थी कि देवबंद में बने सभी पासपोर्ट का दोबारा वेरिफिकेशन किया जाए.

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पंचायत के दौरान 'आज तक' से बातचीत करते हुए देवबंद के स्थानीय निवासी रोहित सिंघल ने कहा कि ये सिर्फ देवबंद को बदनाम करने की साजिश है. रोहित सिंघल का कहना है कि बिना पुलिस की जांच के पासपोर्ट नहीं मिलता. अगर पहले वेरीफिकेशन में गलती हुई होगी तो पुलिस की गलती है. लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए.

दरअसल यूपी एटीएस द्वारा देवबंद से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल्ला से पासपोर्ट बरामद हुआ था जो देवबंद में बना था. ऐसे में यह भी आशंका जताई जा रही थी कि कहीं देवबंद में अवैध तरीके से बांग्लादेशी नागरिक या बाहरी तत्व तो नहीं रह रहे हैं जिनका संबंध आतंकवादियों के साथ हो. इसी के तहत पुलिस पासपोर्ट वेरिफिकेशन दोबारा करने के लिए एक बड़ा अभियान छेड़ने की तैयारी कर रही है.

चुंकि मामले को धर्म विशेष से जोड़कर देखा जा रहा था इसलिए हमने देवबंद के दारुल उलूम जकारिया मदरसा के मुफ्ती मोहम्मद शरीफ खान से बातचीत की जिन्होंने पासपोर्ट के वेरिफिकेशन के मसले पर कहा, "जो आतंकवादी गिरफ्तार किए गए उनका लिंक देवबंद से है. यह बात तो हमारे गृह मंत्री भी नहीं मानते और यह कहना कि आतंकवादियों का संबंध देवबंद से है या देवबंद के मदरसों से है यह गलत है."

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मुफ्ती शरीफ खान ने सवाल उठाया और कहा, "क्या पासपोर्ट सिर्फ देवबंद से बनाया गया था या और कोई शहर भी थे जहां पर बनाए गए थे? हमने अखबारों में देखा है जो उन्होंने कहा है कि री-वेरिफिकेशन सिर्फ देवबंद में होगा."

पुलिस द्वारा उठाए जा रहे इस कदम को लेकर देवबंद के मुफ्ती शरीफ खान ने 'आज तक' से कहा, "इसका मतलब यह है कि जो आपके विभाग के लोग हैं उनमें कमी है. उस समय जो वेरीफिकेशन किया गया था वह सही नहीं किया गया था. जब पहले ही वेरीफिकेशन सही नहीं हुआ तो री-वेरीफिकेशन में कहां से सही होगा?

हमने जब उनसे यह पूछा कि आखिर पुलिस द्वारा की जा रही इस कार्यवाही से उन्हें आपत्ति क्यों है तो इस पर मुफ्ती ने जवाब दिया, "हमें आपत्ति किसी बात से नहीं है. आप देवबंद का नाम लेकर जो कर रहे हैं उस पर आपत्ति है. अगर बिना नाम लिए आप वेरीफिकेशन शक के आधार पर करते तो दिक्कत नहीं थी. वह सही था. अब आपने जब नाम लिया है तो इसका मतलब है कि यहां आतंकी रह रहे हैं, तो यह गलत है. मैं नहीं कह सकता कि जानबूझकर टार्गेट कर रहे हैं या नहीं बस, इतना कह सकता हूं जो किया है वह गलत है."

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देवबंद पुलिस सूत्रों ने आजतक को बताया कि अभी तक उन्हें मुख्यालय से पासपोर्ट नंबर और नामों के साथ लिस्ट बरामद नहीं हुई है. पुलिस के सामने यह बड़ी चुनौती है कि अगर वेरीफिकेशन के दौरान लोगों के पास आधार कार्ड और वोटर कार्ड समेत सभी दस्तावेज मौजूद हुए तो ऐसे में वह अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान कैसे करेंगे क्योंकि संभावनाएं ऐसी भी हैं उनके पास पासपोर्ट की तरह ही बाकी के दस्तावेज भी मौजूद हों.

पुलिस के साथ-साथ स्थानीय इंटेलीजेंस यूनिट की टीम भी री-वेरिफिकेशन के काम में शामिल होगी. पुलिस के सूत्रों का कहना है कि री-वेरीफिकेशन के दौरान आपराधिक रिकॉर्ड वाले सभी लोगों की पहचान बड़ी ही आसानी से कर ली जाएगी क्योंकि उनका रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद है. साथ ही विदेशी नागरिक जो देवबंद में रह रहे हैं उनकी भी जांच पड़ताल की जा सकेगी. फिलहाल देवबंद पुलिस के पास री-वेरीफिकेशन के लिए पासपोर्ट की लिस्ट नहीं पहुंची है.

सूत्रों की मानें तो यह अभियान मंगलवार या बुधवार को शुरू किया जा सकेगा. देखना यह है कि पुलिस 17 सालों में बने हुए हजारों पासपोर्ट की री-वेरीफिकेशन को कैसे अंजाम देगी और साथ ही यह मुहिम और कितने विवाद खड़ा करेगी.

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