भीषण हादसे में बुरी तरह घायल मुस्लिम परिवार को खुद उठवा कर बीजेपी विधायक ने अस्पताल पहुंचाया, लेकिन लोग तमाशबीन बने देखते रहे.
सैकड़ों लोगों की भीड़ देखते हुए शायद विधायक विपिन वर्मा डेविड भी आगे बढ़ जाते, क्योंकि विधानसभा पंहुचना जरूरी था, लेकिन उनकी ज़मीर ने गवारा नहीं किया. विधानसभा का महत्वपूर्ण सत्र छूट गया, लेकिन डेविड तमाशबीन लोगों के बीच से नीचे खाई में उतरे और उस परिवार की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया जो पिछले कुछ समय से भीषण दुर्घटना के बाद कराह रहा था. एक महिला की मौके पर मौत हो चुकी थी और एक लड़की की दम तोड़ती चीखें निकल रही थीं, दो पुरुष सदस्य खून से लथपथ बेहोश और बुरी तरह घायल थे.
घटना एक्सप्रेसवे पर उन्नाव के अलियापुर पिलखाना के पास की है. मुस्लिम परिवार सोमवार को कन्नौज से देवा शरीफ जा रहा था. इस परिवार की गाड़ी लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर डिवाइडर से टकराकर खाई में जा गिरी. गाड़ी में बैठे सभी बुरी तरह घायल थे और एक महिला की मौत हो चुकी थी. दो महिलाएं खाई में गिरी थीं.
मौजूद लोग सिर्फ एम्बुलेंस और डायल 100 के लिए कोशिश करते रहे. लेकिन बीजेपी विधायक ने राहत की कमान संभाली और एक-एक कर सभी घायलों को उठाया और फिर उन्हें ट्रामा सेंटर पंहुचाया. विधायक ने ही जब खुद हादसे में घायल इस परिवार की मदद करनी शुरू की, तब कई हाथ और बढ़ने लगे. लेकिन अफसोस की बात यह है कि करीब एक घंटे तक भीड़ जुटती रही, घायल मौत के मुंह में जाते रहे, लेकिन खाई में उतर कर घायलों को बाहर निकालने की कोशिश किसी ने नहीं की.
सुनसान रास्ते में हुए इस भीषण हादसे के बाद धीरे-धीरे लोग जुटने शुरू हुए और सबने डायल हंड्रेड और एंबुलेंस को फोन करना शुरू किया, लेकिन घायलों को हाथ लगाने की हिम्मत किसी ने नहीं दिखाई और न ही कोई शख्स खाई में उतरकर मदद करने को तैयार दिखा. उसी वक्त इस रास्ते लखनऊ जा रहे एटा सदर के विधायक विपिन वर्मा लोधी, जिन्हें लोग डेविड के नाम से बुलाते है वहां से गुजरे, उन्होंने गाड़ी रोकी और पूछा तो पता चला भीषण सड़क हादसा हुआ है जिसमें एक पूरा परिवार आखिरी सांसें गिन रहा है.
विधायक विपिन लोधी अपने ड्राइवर के साथ खाई में उतरे. उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त ऑल्टो की गाड़ी में रखी चटाई को हाथ में लिया और घायलों को उठाकर उपर लेकर आए. एक महिला रुखसाना की मौत घटनास्थल पर ही हो चुकी थी, जबकि वकार, अनीस सहज़ाद और परवीन बानो बुरी तरह घायल थे. विधायक ने घायलों को लखनऊ के केजीएमयू ट्रामा सेंटर भिजवाया. अस्पताल पंहुचते ही एक और महिला ने दम तोड़ दिया, जबकि बाकी तीन लोग जीवन और मौत से जूझ रहे हैं.
विधायक कहते हैं कि वो इस बात को देखकर हैरान थे कि हादसे को हुए 45 मिनट गुजर चुके थे, लेकिन न तो लोगों ने घायलों को हाथ लगाया था और न ही एंबुलेंस या डायल 100 पहुंची थी. मानवता का कोई धर्म नहीं होता, यह बात कम से कम बीजेपी के इस विधायक ने जरूर साबित कर दिया.