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टिकैत के आरोप पर बोले बीजेपी विधायक गुर्जर- कल गाजीपुर बॉर्डर नहीं गया, झूठे हैं उनके आरोप

बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने आजतक से बात करते हुए कहा कि वो गाजीपुर बॉर्डर पर कल गए ही नहीं थे. उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत के आरोप से वो हैरान है. टिकैत झूठे आरोप लगा रहे हैं.

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बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर
बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टिकैत के आरोप पर बीजेपी विधायक गुर्जर का बयान
  • कहा- कल गाजीपुर बॉर्डर नहीं गया
  • झूठे हैं राकेश टिकैत के आरोप

किसान आंदोलन के बीच गाजीपुर बॉर्डर चर्चा के केंद्र में है. कल यानी 28 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का 64वां दिन था. कल ऐसा लगने लगा था कि आंदोलन खत्म हो जायेगा. लेकिन तभी किसान नेता राकेश टिकैत ने बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर और सुनील शर्मा पर बड़ा आरोप लगाया. टिकैत ने कहा कि आंदोलन स्थल पर अपने समर्थकों के साथ ये दोनों लोग आये और किसानों के साथ बदसलूकी की और खदेड़ने की बात कह साजिश रची. जिसपर अब बीजेपी विधायक का बयान आया है. 

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बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने आजतक से बात करते हुए कहा कि वो गाजीपुर बॉर्डर पर कल गए ही नहीं थे. किसान आंदोलन के नाम पर जो कुछ 26 जनवरी को हुआ देश की अस्मिता को रोकने का काम था. मैं मांग करता हूं कि मेरी फोन की लोकेशन और सीसीटीवी जांच की जाए. अगर मैं वहां (गाजीपुर बॉर्डर) मिलता हूं तो न सिर्फ विधानसभा से इस्तीफा दे दूंगा, बल्कि सक्रिय राजनीति से भी संन्यास ले लूंगा. 

बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि राकेश टिकैत के आरोप से वो हैरान हैं. टिकैत झूठे आरोप लगा रहे हैं. गुज्जर ने पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि वो उस जगह के 10 किलोमीटर के दायरे में भी कल नहीं गए. जो आरोप लगाए गए वो अगर सच साबित हो तो वह जेल जाने और राजनीति से संन्यास लेने को तैयार हैं. 

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इसे देखें: आजतक LIVE TV 

गौरतलब है कि कल देर शाम अचानक पूरे देश की नजर गाजीपुर बॉर्डर पर जा कर टिक गई. कारण था यूपी सरकार द्वारा धरनास्थल खाली कराने का आदेश जारी करना और वहां अचानक से भरी संख्या में पुलिस फोर्सेज की तैनाती. यहां पर बीते दो महीने से किसानों का आंदोलन चल रहा है. यही नहीं गाजीपुर बॉर्डर पर कल शाम धारा 144 भी लगा दी गई. साथ ही दोनों तरफ से रोड को बंद कर दिया गया. 

इस सबके बीच किसान नेता राकेश टिकैत मीडिया के सामने भावुक भी हो गए. उनके आंसू टर्निंग प्वाइंट बन गए. देखते-देखते आंदोलन स्थल की तस्वीर बदल गई. लौट रहे किसानों के कई जत्थे वापस आ गए और धरना स्थल खाली कराने आई पुलिस को देर रात को बैरंग वापस लौटना पड़ा. 

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