उत्तर प्रदेश के रायबरेली में गोवंश तस्करी की आशंका पर भाजपा विधायक ने छापेमारी की. इस दौरान गोवंश जिस हालत में मिले, उसे देख दिल दहल जाएगा. सलोन थाना इलाके में गोवंशों को ट्रक में बुरी तरह से भरे जाने का वीडियो वायरल हुआ था. जानकारी होने पर सलोन भाजपा विधायक अशोक कोरी कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे. पशु चिकित्साधिकारी की मौजूदगी में मवेशियों को भरा जा रहा था.
उनसे जब पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि इन्हें गौशाला भेजा जा रहा है. हालांकि वो यह नहीं बता सके कि यह काम रात के अंधेरे में क्यों हो रहा है और मोहम्मद वकील कौन है, जिसके ट्रक से गायों को भेजा जा रहा है. विधायक ने इस मामले की शिकायत की तो डीएम ने एसडीएम, सीओ और थाना प्रभारी की एक ज्वाइंट कमेटी बनाकर मामले की जांच की बात कही है. कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है.
बीजेपी विधायक अशोक कोरी ने कहा, 'मैं रात में लखनऊ से लौट रहा था, तभी कार्यकर्ताओं ने सूचना दी कि एसडीएम कोर्ट और वेटेनरी ऑफिसर अस्पताल के पास कुछ जानवर ट्रक में भरे जा रहे हैं. जानवरों को ट्रक में भरकर बंद कर दिया गया था. लोगों ने रोकने की कोशिश की तो उन्हें धमकी दी गई. वेटेनरी डॉक्टर से बात की. पुलिस इंस्पेक्टर को भी मामले की जानकारी दी.'
इसके बाद विधायक अशोक कोरी मौके पर पहुंचे. उन्होंने देखा तो करीब 16 टायरों वाला ट्रक पूरी तरीके से पैक था. ऊपर से तिरपाल से बांध दिया गया था. विधायक ने जब ट्रक को खुलवाया तो अंदर देखकर सभी दंग रह गए. ट्रक में मवेशियों को बेहद बुरी स्थिति में बांधा गया था. कुछ मवेशियों को चोटें भी आई हैं. सभी मवेशियों का मुंह बंधा हुआ था. ट्रक में मौरंग और बालू बिछा रखी थी.
मवेशियों के डॉक्टर ने कहा कि हम इनको गौशाला ले जा जा रहे हैं, लेकिन डॉक्टर ने जिस गौशाला का नाम लिया, उसमें 16 चक्के तो छोड़िए 8 चक्के का भी ट्रक नहीं जा सकता. मौके पर ड्राइवर मिराज अहमद उर्फ राजू मिला, उसने बताया कि ये लोग जौनपुर, लालगंज और मिर्जापुर से बड़े ट्रक मंगवाकर जानवरों को इकट्ठा कर भरते हैं और बिहार भेजते हैं. बिहार में जानवरों को शेल्टर के लिए भेजा जाता है. इसके बाद राजू के लिखित बयान लिए गए. उसने कई अन्य जगहों के बारे में भी जानकारी दी है. उसने बताया कि इस पूरे मामले में मवेशियों का डॉक्टर संलिप्त है.
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एक अन्य व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रायबरेली में 3 दिन पहले कुछ कसाइयों के साथ इन लोगों ने डील की थी. किसी कारण से इन लोगों की 60 लाख की एक डील कैंसिल हो गई. इसके बाद इन लोगों का आपस में विवाद भी हुआ, जिसके बीच इनकी पूरी पोल पट्टी खुल गई. इस मामले में मवेशियों के डॉक्टर की व्हाट्सएप चैटिंग मिली है.
विधायक ने कहा कि इस मामले में एसडीएम, सीओ, एसओ ने कहा कि ज्वाइंट स्टेटमेंट डीएम को भेजेंगे, इसके बाद डीएम उस पर कमेटी बनाकर जिस प्रकार से जांच कराएंगे, उस पर कार्रवाई होगी. एसओ से एफआईआर के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि राजपत्रित अधिकारी के विरुद्ध बिना अनुमति के एफआईआर नहीं कर सकता. इसके बाद जब डॉक्टर के क्लीनिक पर गए तो वहां चार लड़के बैठे थे, वे तुरंत देखकर बाउंड्री से कूदकर भाग गए.
विधायक ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर लगाए गंभीर आरोप
इस पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी से सलवन से विधायक ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर न केवल आरोप लगाए, बल्कि खुद घटनास्थल पर पहुंचे. उनके आरोपों को एसडीएम सलोन ने 2 घंटे में ही खारिज कर दिया और पूरे मामले को प्रशासनिक व्यवस्था का एक अंग बता दिया. एसडीएम सलवन आशाराम वर्मा ने कहा कि रायबरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से इस मामले पर बात की तो पता चला कि एक अभियान चल रहा है, जिसके तहत नगर पंचायत के माध्यम से पशुओं को पकड़ा जा रहा है, फिर उन्हें सिरसिरा गौशाला ले जाया जा रहा है, लेकिन इसमें कुछ जानवर गिर गए थे तो कुछ लोगों ने वहां विरोध किया. फिलहाल यह तथ्य गोकशी का नहीं है. 7 बजे के आसपास इन लोगों ने मवेशियों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया था. जब पकड़ रहे थे तो कुछ लोग विरोध कर रहे थे. जांच में जो तथ्य आया, मैंने बता दिया.
अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में कही गईं ये बातें
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, आवारा पशुओं को पकड़कर गौशाला भेजा जा रहा था. पशुओं की संख्या 16 बताई गई, जिन्हें नियम विरुद्ध गाड़ी में भरा जा रहा था. इसके लिए पशु चिकित्सक को चेतावनी दी गई है. हालांकि कुछ सवाल अनुत्तरित हैं, जैसे गायों को भेजने का समय मध्य रात्रि क्यों चुना गया. गायों को भेजने के लिए मोहम्मद वकील का ट्रक ही क्यों मुफ्त में लिया गया और वो कौन है. जांच रिपोर्ट में छोटी गाड़ी क्यों बताई गई, जबकि वह बड़ा ट्रक है. जांच सर्किल से बाहर के अधिकारियों को क्यों नहीं दी गई. वायरल वीडियो में पशु चिकित्सक यह क्यों नहीं बता सका कि गायों को किस गौशाला में भेजा जा रहा है. हालांकि जांच करने वाले अधिकारियों पर ही सत्ता पक्ष के विधायक ने सवालिया निशान खड़े किए थे. उनकी संलिप्तता का जिक्र भी उन्होंने अपने बयान में किया है.