उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर बयानबाजी बढ़ती जा रही है. भाजपा के चर्चित विधायक सुरेंद्र सिंह ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगे होने को ‘हिंदुत्व’ के कमजोर होने का नतीजा करार दिया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सिंह ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर लगाये जाने और मांग के बावजूद उसे नहीं हटाना कमजोर हिंदुत्व का नतीजा है और इसके साथ ही यह भी कहा कि इस विश्वविद्यालय में हिंदुओ का वर्चस्व नहीं है, इसलिये वहां अभी तक जिन्ना की तस्वीर लगी हुई है.
उन्होंने कहा कि राजनैतिक दुर्बलता के कारण पाक परस्त ताकतों के विरुद्ध समुचित कार्रवाई नहीं हो पा रही है. जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां पाकिस्तान की हिमायत करने वाली शक्तियां कमजोर हो रही हैं.
सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरीखे राजनेता खुलेआम राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ खड़े हैं. उन्होंने कथित रूप से जिन्ना को अच्छी शख्सियत बताने वाले उत्तर प्रदेश के काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग भी की.
बैरिया क्षेत्र से विधायक सिंह ने कहा कि अगर जिन्ना मौर्य के आदर्श हैं तो उन्हें योगी मंत्रिमंडल से तत्काल नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. जिन्ना मौर्य की नजर में महापुरुष हो सकते हैं, किसी राष्ट्र भक्त की नजर में नहीं.
यह पूछे जाने पर कि जिन्ना को शख्सियत करार देने के बाद भी मौर्य कैसे योगी सरकार में मंत्री बने हुए हैं, विधायक ने कहा कि कांटे से ही कांटा को निकाला जाता है. अब समय आ गया है कि छोटे कांटे को भी निकाल फेंका जाय. आपको बता दें कि सुरेंद्र सिंह इससे पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं जिनपर विवाद हो चुका है. इसमें उन्नाव रेप केस में दिया गया उनका बयान और ममता बनर्जी के बारे में की गई टिप्पणी भी शामिल है.
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ये है पूरा विवाद
दरअसल, बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने यूनिवर्सिटी के वीसी से छात्रसंघ हॉल में लगी जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग की थी. जिसके बाद इस मामले पर सियासत शुरू हो गई.
इसके बाद बुधवार को हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग करते हुए AMU के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के कार्यक्रम में दखल डालने की कोशिश का भी आरोप लगा. जिसके बाद 6 कार्यकर्ताओं को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
छात्रसंघ ने आरोप लगाया कि हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और बिना मामला दर्ज किए छोड़ दिया. इससे नाराज छात्रसंघ पदाधिकारी थाने पहुंचे और विरोध किया. आरोप है कि इस दौरान छात्र एसपी सिटी से धक्का-मुक्की करने लगे. जिसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया और इसमें करीब 15 छात्र घायल हो गए.