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बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बहुमत मिलने के बाद अभी दोबारा सरकार का गठन होना है. इससे पहले कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई देने का सिलसिला जारी है. बीजेपी के सबसे पुराने कार्यकर्ता 108 साल के भुलई भाई ने फोन पर योगी आदित्यनाथ को बधाई दी. भुलई भाई ने कहा कि नतीजों से वो बहुत खुश हैं. योगी आदित्यनाथ ने उनके स्वास्थ्य का हालचाल लिया और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दीं. योगी आदित्यनाथ ने फोन पर कहा ‘आप स्वस्थ रहें, प्रसन्न रहें...’
चुनावी नतीजों के दिन किया रामचरितमानस का पाठ
भुलई भाई इस बार नतीजों के दिन लगातार सुबह से रामचरितमानस का पाठ करते रहे. परिणाम आने के बाद उन्होंने पोते कन्हैया से लड्डू मंगवाया और सबके साथ उन्होंने घर पर लड्डू खाए.’कुशीनगर के रहने वाले भुलई भाई ने सीएम योगी से बात करने की इच्छा ज़ाहिर की थी. ये जानकर सीएम योगी ने फोन मिलवाकर भुलई भाई से बात की.
पीएम मोदी ने की थी बात, गृहमंत्री अमित शाह ने किया था सम्मानित
कोरोना के संकटकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन करके पार्टी के इस सबसे वयोवृद्ध सदस्य का हालचाल लिया था. पिछले साल अक्टूबर में गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में बीजेपी के पूर्व विधायकों को सम्मानित किया था जिसमें खास तौर पर भुलई भाई को आमंत्रित किया गया था. अमित शाह ने मंच से उतर कर भुलई भाई को सम्मानित किया था.
कौन हैं भुलई भाई?
श्री नारायण उर्फ़ भुलई भाई भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम कार्यकर्ता हैं. भुलई भाई 1974 में नौरंगिया से भारतीय जनसंघ से विधायक रहे हैं. बीजेपी के गठन के बाद भुलई भाई बीजेपी के कार्यकर्ता बन गए. भुलई भाई 1974 में भारतीय जनसंघ के विधायक चुने गए. उस समय देवरिया के नौरंगिया (वर्तमान में कुशीनगर के खड्डा) से विधायकी जीतने वाले भुलई भाई अकसर पुराने दिनों की याद करने लगते हैं.
भुलई भाई ने सुनाया दीनदयाल उपाध्याय से जुड़ा किस्सा
भुलई भाई दीनदयाल उपाध्याय से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक की बातों और यादों को दोहराते हैं. दीन दयाल उपाध्याय से प्रभावित होकर राजनीति की राह पकड़ने वाले भुलई भाई वो किस्सा भूले नहीं जब दीनदयाल उपाध्याय उन्हें अपनी थाली से भोजन कराया था. उस समय की बात याद करके भुलई भाई कहते हैं कि उन्होंने संकोच में दीनदयाल उपाध्याय से कहा कि ‘आप सब हमको ही दे रहे हैं तो क्या खाएंगे?’तब दीनदयाल जी ने हंसकर भुलई भाई से ये कहा था ‘आप खाइए आपको बहुत लंबा जीना है....’ आज भुलई भाई 108 साल के हैं.
केसरिया गमछा है भुलई भाई की पहचान
जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई तो श्रीनारायण उर्फ़ भुलई भाई एम ए के छात्र थे. उस समय दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित होकर उन्होंने जो सिद्धांतों के रास्ते पर चलना शुरू किया तो इन सिद्धांतों का दामन हमेशा थामे रखा. एम ए के बाद एम एड करने के बाद भुलई भाई शिक्षा अधिकारी बन गए, पर 1974 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में रहकर देश और समाज के लिए कुछ करने की ठानी. इसी साल उनको भारतीय जनसंघ ने अपना उम्मीदवार बनाया और भुलई भाई विधायक बन गए. भुलई भाई ने नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र में जीत दर्ज की थी. 1977 में जनसंघ के साथ मिलकर बनी जनता पार्टी के चुनाव चिह्न पर फिर विधायक चुने गए. भुलई भाई की पहचान उनका केसरिया गमछा है.