उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने परचम लहराया है. जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. लखनऊ के मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद कौशल किशोर अपनी बहू को भी हारने से नहीं बचा सके, हालांकि वह निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं.
बीजेपी सांसद कौशल किशोर की बहू सरिता मलिहाबाद की वार्ड संख्या 7 से निर्दलीय प्रत्याशी थीं. निर्दलीय प्रत्याशी सरिता को सपा समर्थित रामप्यारी रावत ने हराया है. यह सीट सपा के खाते में दर्ज हुई है. वार्ड संख्या 7 से बीजेपी ने जिस उम्मीदवार को खड़ा किया था, उस प्रत्याशी ने अपना पर्चा नहीं भरा था, यानी कि नामांकन ही नहीं किया.
राजधानी लखनऊ में सपा के खाते में कुल जिला पंचायत की 10 सीटें गई हैं. जिला पंचायत सदस्य की 5 सीटें बहुजन समाज पार्टी के खाते में जुड़ी हैं. वहीं बीजेपी महज 3 सीटों पर ही सीमित रह गई. निर्दलीय प्रत्याशियों की बात करें तो कुल 7 निर्दलीयों ने जीत हासिल की है. मोहनलालगंज के वार्ड संख्या-21 से सपा प्रत्याशी अरुण यादव ने रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत हासिल की है.
सपा की तीन महिला प्रत्याशियों का शानदार प्रदर्शन रहा. दो बार सांसद रहीं और बीजेपी प्रत्याशी रीना चौधरी को सपा समार्थित पलक रावत ने दो हजार से अधिक वोटों से हराया. रीना चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष की दावेदारी कर रही थीं. वहीं मलिहाबाद की वार्ड संख्या-7 से बीजेपी सांसद कौशल किशोर की बहू निर्दलीय प्रत्याशी सरिता को सपा समर्थित रामप्यारी रावत ने हरा दिया और यह सीट भी सपा के खाते में दर्ज हुई.
वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदार मोहनलालगंज से सपा विधायक अम्बरीष सिंह पुष्कर की पत्नी व पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजय लक्ष्मी ने वार्ड संख्या 18 से अपनी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्याशी गरिमा आनंद को हरा कर जीत हासिल की है.