बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी अमित शाह ने प्रदेश में पार्टी की संगठनात्मक चाल और चरित्र बदलने का खाका तैयार कर लिया है. पिछले दो हफ्तों के भीतर मेरठ से लेकर अयोध्या और गोरखपुर तक की क्षेत्रीय बैठकों में शाह ने कार्यकर्ताओं के सामने बीजेपी की एक नई तस्वीर तैयार करने का खाका खींचा है.
कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के मुताबिक यूपी में बीजेपी के सामने सबसे बड़ी संख्या पैसों की है. बीजेपी के पास इस समय आजीवन सहयोग निधि, साधारण सदस्यता तथा सक्रिय सदस्यता के जरिए पैसा आता है लेकिन पार्टी के पास कोई अलग से कोष नहीं है.
पार्टी को स्थानीय आंदोलनों और कार्यक्रमों के लिए चुनाव प्रत्याशी, विधायक, सांसद का ही सहारा लेना पड़ता है. अमित शाह ने पार्टी की प्रत्याशियों पर निर्भरता कम करके कार्यकर्ताओं पर निर्भरता बढ़ाने का रोडमैप तैयार किया है. शाह ने प्रदेश के एक बूथ से एक हजार रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य कार्यकर्ताओं को दिया है. कार्यकर्ता ये पैसे जनता से चंदे के माध्यम से इकट्ठा करेंगे. खास बात यह है कि एक व्यक्ति से अधिकतम पांच रुपये ही चंदा लिया जाएगा और चंदा देने वाले व्यक्ति का नाम पता कार्यकर्ताओं को एक रजिस्टर में दर्ज करना होगा. प्रदेश कार्यालय में चंदे की राशि के साथ चंदा देने वालों का ब्योरा भी जमा करना होगा.
इस योजना के जरिए शाह ने एक महीने के भीतर यूपी के 72000 बूथों से सात करोड़ रुपये से अधिक इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है. प्रदेश बीजेपी के एक महासचिव बताते हैं कि इस योजना के दो फायदे होंगे. पहला बूथ स्तर पर बीजेपी का संगठन सक्रिय हो जाएगा और दूसरा जनता का बीजेपी कार्यकर्ताओं से संवाद शुरू होगा जो अगले लोकसभा चुनाव में महती भूमिका निभाएगा.