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चीन-भारत युद्ध की 60वीं बरसी पर वाराणसी में चाइनीज सामानों का बहिष्कार

चीन-भारत युद्ध की 60वीं बरसी पर वाराणसी के लोगों ने चीन का पुतला दहन किया और लोगों से चाइनीज सामानों के बहिष्कार की अपील की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि चीन को समझ लेना चाहिए ये 1962 वाला भारत नहीं है. उन्होंने लोगों से वोकल फॉर लोकल के तहत सामान खरीदने का आग्रह भी किया.

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चाइनीज सामानों के बहिष्कार की अपील
चाइनीज सामानों के बहिष्कार की अपील

चीन-भारत युद्ध की 60वीं बरसी के मौके पर वाराणसी में लोगों ने चीन का पुतला फूंका. इसके साथ ही चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया गया. इतना ही नहीं भारत-तिब्बत सहयोग मंच के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने वोकल फॉर लोकल के लिए लोगों से अपील भी की.

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वाराणसी के बीएचयू गेट पर दर्जनों की संख्या में भारत-तिब्बत सहयोग मंच के बैनर तले जुटे प्रदर्शनकारियों ने भारी विरोध के बीच चीन का सांकेतिक पुतला आग के हवाले कर दिया. बता दें कि आज के दिन ही 60 साल पहले चीन के द्वारा भारत पर आक्रमण किया गया था.

चीन को संदेश- 1962 वाला नहीं है ये भारत 

इसी की बरसी मनाते हुए प्रदर्शनकारियों ने चीनी उत्पादों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बताया कि चीन द्वारा भारत पर आक्रमण की 60 वीं बरसी पर चीन को यह संदेश देना चाहते हैं कि अब भारत 60 साल पहले वाला देश नहीं है.

उन्होंने कहा, "चीन ने उस वक्त भारत पर आक्रमण करके जमीन हथियाने की कोशिश की थी. प्रदर्शनकारियों ने देश की जनता से अपील है कि चाइनीच आइटम का विरोध करें और वोकल फॉर लोकर के तहत बनी चीजों का इस्तेमाल करें और उन्हें प्रमोट करें." बताते चलें कि 1962 के युद्ध में भारत को हार का सामना करना पड़ा था.

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