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जब बारात लेकर अस्पताल पहुंची दुल्हन...

'यही है घर-आंगन, यही है मंदिर, मैं तुझे सिंदूर लगा दूं, मुझे हक है'. हिन्दी फिल्म 'विवाह' का गीत यूपी के बलिया जिला अस्पताल में पूरी तरह से सजीव होते दिखा. अंतर सिर्फ यह था कि यहां दूल्हा झुलसा था और दुल्हन बारात लेकर पहुंची थी.

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सात जन्मों का बंधन...
सात जन्मों का बंधन...

'यही है घर-आंगन, यही है मंदिर, मैं तुझे सिंदूर लगा दूं, मुझे हक है'. हिन्दी फिल्म 'विवाह' का गीत यूपी के बलिया जिला अस्पताल में पूरी तरह से सजीव होते दिखा. अंतर सिर्फ यह था कि यहां दूल्हा झुलसा था और दुल्हन बारात लेकर पहुंची थी.

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बारात में न तो बैंड बाजा था, न ही कोई बाराती. अपने परिवार के साथ बारात लेकर पहुंची दुल्हन के हौसले को हर किसी ने सलाम किया. दरअसल, बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के राजा गांव खरौनी निवासी उमेश सिंह का तिलकोत्सव बीते दिनों सम्पन्न हुआ था. इसके बाद बारात जानी थी, लेकिन एक दिन पहले ही उमेश के घर गैस सिलेंडर रिसाव से आग लग गई.

इस घटना में उमेश की मां राजेश्वरी देवी (62) बुरी तरह झुलस गई, जबकि उन्हें बचाने में राजेश्वर सिंह (58), उमेश सिंह (25), संजय सिंह (35) व सिन्धु सिंह (30) घायल हो गए. सभी का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है.

झुलसने के कारण उमेश बारात लेकर जाने की हालत में नहीं था. इसकी सूचना मिलने के बाद लड़की पक्ष के लोग शादी की डेट आगे बढ़ाने का मन बना चुके थे, दुल्हन गुड़िया ने अपने माता-पिता के सामने यह प्रस्ताव रख दिया कि चाहे जो हो, शादी उमेश से ही होगी और निर्धारित तिथि पर ही.

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गुड़िया के सवालों के सामने निरुत्तर हुए उसके परिवार वालों ने इसकी सूचना उमेश के गांव दी. गुड़िया का हौसला देख उमेश ने भी निर्धारित तिथि पर ही परिणय सूत्र में बंधने की इजाजत दे दी. इसके बाद बिहार राज्य के छपरा जनपद के उमधा निवासी राधा किशुन सिंह अपनी बेटी गुड़िया व अन्य परिजनों के साथ साधारण तरीके से जिला अस्पताल पहुंचे.
जिला अस्पताल के बर्न वार्ड की बेड पर पड़े दूल्हे राजा उमेश को बिना सूट-बूट के ही अस्पताल परिसर में स्थित मंदिर पर लाया गया, जहां दुल्हन की लिबास में लिपटी गुड़िया बैठी थी. उमेश की हालत देख गुड़िया की आंखों से आंसू टपकने लगा.

शादी से पहले वहां का नजारा देख हर इंसानी आंख डबडबा गयी. सादे महौल में जब उमेश ने गुड़िया की मांग में सिंदूर भरा, तो सभी इस अगाध प्रेम को देखकर खुश हो उठे. इसके बाद दूल्हे राजा को इलाज के लिए अस्पताल में छोड़ गुड़िया ससुराल चली गयी.

इनपुट: IANS

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