बीएसपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है. मौर्य ने मायावती पर टिकटों की बोली लगाने का आरोप लगाते हुए पार्टी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. मौर्य ने कहा कि बीएसपी सुप्रीमो कांशीराम और अंबेडकर से रास्ते भटक गई हैं. मौर्य ने कहा, 'मायावती दलित नहीं, दौलत की बेटी है. मायावती ने पिछले चुनाव से सबक नहीं लिया.'
मायावती ने दी सफाई
मौर्य के आरोपों पर मायावती ने भी सफाई दी. उन्होंने कहा, 'मौर्य को परिवारवाद का मोह है. मैंने उनके बेटे-बेटी को टिकट नहीं दिया.' मायावती ने यह भी दावा किया कि वो मौर्य को पार्टी से निकालने ही वाली थीं. उन्होंने कहा कि मौर्य पहले भी मुलायम के साथ रह चुके हैं.
पूर्वांचल में बसपा का बड़ा चेहरा थे मौर्य
पूर्वांचल से बीएसपी के बड़े चेहरे के तौर पर मौर्य की पहचान थी. 2009 में पडरौना विधानसभा के लिए हुए एक उपचुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मौर्य को पार्टी का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया. उस चुनाव में मौर्य ने केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को हराकर सबको चौंका दिया था. इस जीत के साथ मौर्य ने 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के आरपीएन सिंह के हाथों मिली शिकस्त का बदला भी ले लिया था.
सपा के कुनबे में भी संग्राम!
मायावती के सबसे करीबी लोगों में से एक मौर्य के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले पार्टी छोड़ने से यूपी का सियासी पारा चढ़ गया है. मौर्य यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. दूसरी ओर, मंगलवार को पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर मुलायम सिंह के कुनबे में घमासान मचा हुआ है.