लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन कब होगा, कैसे होगा, कौन कितनी सीट पर लड़ेगा इस पर आखिरी फैसला होना बाकी है. लेकिन इस बीच BSP ने अपनी तैयारी सभी सीटों के लिए शुरू कर दी है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपने प्रभारी तय कर दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक गठबंधन होने के संभावनाओं के मद्देनजर कार्यकर्ताओं में सुस्ती न आए इसलिए पार्टी ने अपने सभी इकाइयों को चुस्त-दुरुस्त किया है. साथ ही सभी लोकसभा क्षेत्रों के प्रभारी भी तैनात कर दिए हैं.
कहीं राजनीतिक दांव तो नहीं
दरअसल, BSP की परंपरा के मुताबिक सभी सीटों के प्रभारी ही आगे उम्मीदवार घोषित किए जाते हैं. हालांकि आखिरी मौके पर कुछ सीटों पर उम्मीदवार बदलने की परंपरा भी बहुजन समाज पार्टी में है. लेकिन जिस तरह से बीएसपी ने अपने सभी सीटों पर प्रभारी तय कर दिए हैं. माना जा रहा है कि मायावती का यह राजनीतिक दांव है, ताकि महागठबंधन बनने पर ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावेदारी की जा सके. हालांकि बीएसपी सूत्रों का कहना है कि गठबंधन की बात अपनी जगह है, कार्यकर्ताओं में जोश पैदा करने के लिए पार्टी के ओर से ये कदम उठाए गए हैं. ताकि पार्टी बूथ स्तर पर पार्टी मजबूत हो अभी से कार्यकर्ता काम में जुट जाएं.
गठबंधन पर अंतिम मुहर का इंतजार
लेकिन राजनीति के जानकार इसे ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावेदारी से जोड़कर देख रहे हैं. क्योंकि अभी तक सपा और कांग्रेस से बीएसपी के गठबंधन को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. किस फॉर्मूले के तहत सीटों का बंटवारा होगा इस पर भी कोई रास्ता नहीं निकला है. वैसे खबर ये है कि 2014 में मिले वोटों के आधार पर सीटों का बंटवारा हो सकता है. बता दें, 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी 80 में से 34 सीटों पर नंबर दो पर रही थी.
अब क्या करेंगे अखिलेश?
हालांकि पिछले दिनों गठबंधन को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती सुर-से-सुर मिलाते नजर आए थे. दोनों का कहना था कि बीजेपी को रोकना उनका उद्देश्य है और ये गठबंधन कोई राजनीतिक मजबूरी नहीं है. गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर गठबंधन की जीत से दोनों बेहद उत्साहित हैं. लेकिन अब मायावती के इस कदम पर अखिलेश का क्या रुख रहेगा ये देखने वाली बात होगी.