दिल्ली में संत रविदास मंदिर को गिराए जाने के बाद दलित समुदाय गुस्से में है. पंजाब के चार जिलों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस बीच बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार की मिलीभगत से तुगलकाबाद क्षेत्र में बना संत रविदास मंदिर गिरवाया गया है. हम इसका विरोध करते हैं.
मायावती ने कहा कि मंदिर गिराने से इनकी आज भी हमारे सन्तों के प्रति हीन व जातिवादी मानसिकता साफ झलकती है. बसपा की मांग है कि इस मामले में ये दोनों सरकारें कोई बीच का रास्ता निकाल कर अब अपने खर्चे से ही मन्दिर का पुनः निर्माण करवाएं.
दिल्ली में मंदिर तोड़े जाने के बाद दलित संगठनों ने मंगलवार को पंजाब बंद बुलाया था. इस कारण चार जिलों जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला और गुरदासपुर में सभी स्कूल-कॉलेज मंगलवार को बंद थे.
दरअसल दिल्ली के तुगलकाबाद एक्सटेंशन में एक धर्मस्थल को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हटाया गया था जिसे लेकर लोगों ने रोष जताया था. बताया जा रहा है कि इस जमीन को लेकर काफी समय से कोर्ट में मामला चल रहा था.
दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में बना सन्त रविदास मन्दिर केन्द्र व दिल्ली सरकार की मिली-भगत से गिरवाये जाने का बी.एस.पी. ने सख्त विरोध किया। इससे इनकी आज भी हमारे सन्तों के प्रति हीन व जातिवादी मानसिकता साफ झलकती है।
— Mayawati (@Mayawati) August 14, 2019
दरअसल, लोगों का कहना है था कि ये धर्मस्थल करीब 500 साल पुराना है, जिसे उनके धर्म गुरुओं ने बसाया था. जमीन करीब 12 बीघा के आसपास है, जिसके एक हिस्से में उनका एक छोटा-सा धर्मस्थल बना हुआ है.
डीडीए ने इसे अपने अधीन ले लिया था और चारो तरफ बाउंड्री बनवा दी थी. हालांकि धर्मस्थल पर जाने का रास्ता छोड़ दिया था. इस जमीन को लेकर डीडीए से उनका विवाद चल रहा था.