बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती इन दिनों एक्शन में हैं. अब मायावती ने कुछ महीने पहले लागू की गई सेक्टर व्यवस्था को खत्म करते हुए जोन व्यवस्था को फिर से लागू कर दिया है. सेक्टर में पहले चार से पांच मंडलों को रखा गया था. अब प्रत्येक जोन में तीन मंडलों को रखा गया है. नई व्यवस्था में प्रत्येक मंडल में तीन और हर जिले में दो-दो लोगों की तीन टीमें बनाई गई हैं. इनका मुख्य काम संगठन के साथ भाईचारा कमेटियां बनाना होगा.
उधर बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर हमला बोला और एक ट्वीट में लिखा, 'देश भर में हर स्तर पर सत्ताधारी पार्टी के लोगों द्वारा जिस प्रकार से कानून को खुलेआम हाथ में लेकर हर प्रकार की अराजकता फैलाई जा रही है वह लगातार गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है लेकिन बीजेपी नेतृत्व के यदाकदा फटकार से अबतक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है और न आगे कोई गारंटी है.'
मायावती ने इससे पहले मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि जिन इलाकों में विधानसभा उपचुनाव होने हैं, वहां भाईचारा कमेटी जल्द बनाई जाए. मायावती ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय में विधानसभा उपचुनाव को लेकर बसपा के मंडल पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि जनता के बीच जाकर भाईचारा कमेटी बनाने और उनके सुख-दुख में शामिल होने का काम तुरंत शुरू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा जल्द की जाएगी. बैठक में मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा और अलीगढ़ मंडल के अलावा बरेली, कानपुर, झांसी व चित्रकूट मंडल के जिम्मेदार पदाधिकारियों को बुलाया गया था.
मायावती ने 23 जून को अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक बनाने की घोषणा की. मायावती ने लखनऊ स्थित अपने आवास पर पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में बसपा में बड़े संगठनात्मक बदलाव की घोषण की. पार्टी में दो राष्ट्रीय समन्वयक बनाए गए. मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के साथ पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम को भी राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी दी. रामजी गौतम भी मायावती के भतीजे हैं.
इसके साथ ही मायावती ने सतीश चंद्र मिश्र को राज्यसभा में पार्टी का नेता और दानिश अली को लोकसभा में पार्टी का नेता नियुक्त किया. इसके अलावा गिरीश चंद्र को लोकसभा में मुख्य सचेतक बनाया गया. मायावती ने इस बैठक में देशभर में बसपा के विस्तार, नई रणनीति बनाने, उत्तर प्रदेश उपचुनाव की तैयारियों और पार्टी में बदलाव को लेकर चर्चा की. जिन राज्यों में अगले साल तक विधानसभा चुनाव होने हैं, मायावती ने वहां जनाधार बढ़ाने के बारे में जरूरी दिशानिर्देश दिए.