उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती दिल्ली के वीवीआईपी इलाके में मिले सरकारी बंगलों पर सफाई देने आज मीडिया के सामने आईं. उन्होंने दावा किया कि लुटयंस जोन में उन्हें तीनों बंगले नियम के मुताबिक ही मिले हैं.
लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए मायावती ने दावा किया कि उन बंगलों में बीएसपी संस्थापक कांशीराम के सम्मान में 'बहुजन प्रेरणा केंद्र' बनाया गया है. कई पार्टियों ने अपने नेताओं के मेमोरियल इसी तरह बनवा रखे हैं, लेकिन सिर्फ उन्हें ही निशाना बनाया जाता है. यह मनुवादी मानसिकता है.
धनंजय सिंह पर जांच रिपोर्ट के बाद होगा फैसला
मायावती ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. उन्होंने बताया कि वह इसी महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए बहुत जल्द चार राज्यों का दौरा करेंगी. मायावती ने बताया कि नौकरानी की मौत के मामले में गिरफ्तार बीएसपी विधायक धनंजय सिंह पर फैसला जांच रिपोर्ट आने के बाद लिया जाएगा.
मायावती मीडिया पर भी जमकर बरसीं. एक चुनावी रैली के दौरान नोटों की माला पहनने वाली मायावती ने कहा, 'जब भी चुनाव नजदीक आते हैं तो मीडिया का एक हिस्सा उनके भाई-बहनों की संपत्ति पर पक्षपातपूर्ण तरीके से खबरें दिखाता है जो दलितविरोधी मानसिकता का नमूना है.'
एक-दूसरे की जड़ काट रहे मोदी-राजनाथ-आडवाणी
मायावती ने बीजेपी, कांग्रेस और सपा पर भी बराबर प्रहार किया. उन्होंने कहा, 'बीजेपी-कांग्रेस से लोगों का भरोसा उठ चुका है. बीजेपी में राजनाथ, मोदी और आडवाणी की तिकड़ी अपने स्वार्थ के कारण एक-दूसरे को काटने में लगी है और इस झगड़े का फायदा बीएसपी को मिलेगा.' दलित लीडरशिप को बढ़ावा न देने के राहुल गांधी के आरोप पर पटलवार करते हुए मायावती ने कहा, 'कांग्रेस को दलित लीडरशिप को बढ़ावा देने के लिए क्या किसी ने मना किया है?'
सपा सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में माफियाराज और गुंडाराज है और कानून-व्यवस्था बेहद लचर हालत में है. इसलिए राज्यपाल को यहां राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि लैपटॉप या बेरोजगारी भत्ता बांटने से विकास नहीं होगा.
18 जातियों को ओबीसी के तहत आरक्षण देने के सपा के वादे को मायावती ने ड्रामा करार दिया. उन्होंने कहा कि सपा और बीजेपी चुनाव से पहले प्रदेश में सांप्रदायिक राजनीति फैला रहे हैं.