यूपी के बुलंदशहर में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. शाम होते ही बाहरियों की तो बात छोड़िए यहां के स्थानीय बाशिंदे भी घर से बाहर निकलने में दस बार सोचते हैं. फिर चाहे वो नेशनल हाईवे-91 ही क्यों न हो. रूह कंपाने वाली वारदात यहां आए दिन होती रहती हैं. पर शुक्रवार देर रात की वह घटना किसी को भी इस हाईवे पर अंधेरा होते ही चलने पर हजार बार सोचने को मजबूर कर देगी. जानें उस रात और उसके बाद उस परिवार की बदली जिंदगी का सच...
1. जैसे ही दरिंदों ने बच्ची को पकड़ा, वैसे ही उसके मुंह से पहला शब्द निकला पापा बचाओ.
2. जब से हमारे साथ यह घटना घटी है, हम अपने दोस्त के यहां रुके हुए हैं. जहां पिछले नौ वर्षों से रह रहे थे, अब हम वहां नहीं जाना चाहते.
3. पहले तो हम अपना घर बदलेंगे और फिर अपनी बेटी का स्कूल. अब हम कौन सा मुंह लेकर वहां जाएं या उसे भेजे.
4. जब से यह खून के आंसू रुलाने वाली घटना घटी है, मेरी बेटी ने तब से कुछ भी नहीं खाया. वो डरी हुई है....सहमी हुई है. हम उसे जबरन कुछ खिला रहे हैं, पर अब हम टूट रहे हैं.
5. मां और बेटी के साथ एक जैसा उन दरिंदों ने बर्ताव किया. जब बेटी को बचाने के लिए मां दौड़ी तो उस पर बंदूक की बट से हमला किया गया.
6. यहीं नहीं.....जब मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने इनसे भद्दे सवाल पूछे.
7. जब हमारी कार रुकी तो हमने सुना कि हाईवे के हैवानों में से एक असलम को आवाज दे रहा था.
12 दिन पहले भी यहीं हुआ था रेप
यह पहली घटना नहीं है. 12 दिन पहले भी ठीक इसी जगह गैंगरेप की एक वारदात हुई थी. रिपोर्टों की मानें तो दोस्तपुर गांव में एक महिला को ऑटो से उतारकर इस घटना को अंजाम दिया गया था. स्थिति यह है कि शाम 7.30 बजे के बाद यह इलाका सुनसान हो जाता है. यहां स्ट्रीट लाइट तक नहीं है. स्थानीय लोगों
के मुताबिक यहां आए दिन ऐसी घटनाएं होती हैं. बाहरियों की तो बात छोड़ दीजिए....लोकल भी शाम होते ही यहां बाहर निकलने से डरते हैं.